आमजन को मिले योजना के लाभ से ही जन-विश्वास कायम होता है - राज्य मंत्री श्री यादव!

Public confidence is established only by the benefit of the scheme given to the common man - Minister of State Shri Yadav!
आमजन को मिले योजना के लाभ से ही जन-विश्वास कायम होता है - राज्य मंत्री श्री यादव!
आमजन को मिले योजना के लाभ से ही जन-विश्वास कायम होता है - राज्य मंत्री श्री यादव!

डिजिटल डेस्क | सीधी जल जीवन मिशन, ग्रामीण आबादी से जुड़ी महत्वाकांक्षी योजना है, इसमें सभी को अपनी जिम्मेदारी पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभाना है। आम आदमी के लिए पेयजल की व्यवस्था जैसे पुनीत कार्य में हमारी सहभागिता सौभाग्य की बात है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य मंत्री श्री बृजेन्द्र सिंह यादव ने जल जीवन मिशन के अन्तर्गत प्रदेश में कार्यरत कार्यान्वयन सहायता ऐजेन्सी (आईएसए) और तृतीय पक्ष मूल्यांकन संस्थाओं (टीपीआई) के को-आडिनेटरों की बैठक में यह उदगार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि मिशन के अन्तर्गत ग्रामीण आबादी को नल कनेक्शन लेने, सहयोग राशि देने, जल संरक्षण, मासिक शुल्क अदायगी, शुद्ध जल के फायदे और भविष्य में जल प्रदाय योजना संधारण के लिए प्रोत्साहित करने एवं उनकी मानसिकता बदलने की जिम्मेदारी कार्यान्वयन सहायता ऐजेन्सी की है।

उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास यही है कि त्वरित गति से मिशन का संचालन कर ग्रामीण आबादी को उनके घर पर ही जल उपलब्ध करवायें। उन्होंने कहा कि आमजन को मिले योजना के लाभ से ही सरकार के प्रति जन-विश्वास कायम होता है। राज्य मंत्री श्री यादव ने कहा कि कार्यान्वयन संस्थायें जन-जागरूकता के कार्य स्थानीय बोली में करें, यह ज्यादा प्रभावी होगा। उन्होंने कहा कि तृतीय पक्ष मूल्यांकन संस्थाएँ यह सुनिश्चित करें कि डीपीआर के अनुसार कार्य की गुणवत्ता के मापदण्डों का पालन किया गया हो। यह भी जरूरी है कि पहले काम बाद में दाम की नीति अपनाई जाये। उन्होंने कहा कि मिशन के अन्तर्गत कार्यरत संस्थाओं में निरंतर एक वर्ष तक बेहतर परिणाम देने वाली 5 संस्थायें पुरस्कृत की जायेंगी। इसी तरह दायित्व निर्वहन में पीछे रहने वाली संस्थाओं के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही भी की जायेगी।

अपर मुख्य सचिव, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग श्री मलय श्रीवास्तव ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल व्यवस्था का दायित्व प्रायरू हमारी आधी आबादी (महिला वर्ग) पर रहा है। ग्रामीण महिलाएँ पेयजल के लिए होने वाले श्रम और शारीरिक कष्ट को बेहतर जानती हैं। इसीलिए ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति में 50 प्रतिशत महिलाओं को रखे जाने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि जिलेवार संस्थायें जो जानकारी दे रहीं हैं, उनका परीक्षण अधीक्षण यंत्री स्तर से किया जाए। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि मार्गदर्शिका के अनुसार संस्थाओं के कार्य में जो कमी पाई गई है उसे दूर कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि आगामी अगस्त माह से एजेन्सी के कार्यों की साप्ताहिक समीक्षा प्रारंभ की जायेगी।

श्री मलय श्रीवास्तव ने कहा कि तृतीय पक्ष मूल्यांकन संस्था को चाहिए कि वह अपनी व्यावसायिक विश्वसनीयता और साख को बरकरार रखते हुए अपने दायित्वों का निर्वहन करे। बैठक में प्रमुख अभियंता श्री के.के. सोनगरिया एवं प्रमुख अभियंता (सलाहकार) श्री शंकुले, प्रदेश के सभी मुख्य अभियंता, अधीक्षण यंत्री सहित कार्यान्वयन सहायता एवं तृतीय पक्ष मूल्यांकन संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

Created On :   31 July 2021 1:33 PM IST

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