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परियोजना अधिकारी से की जाएगी 9 लाख की वसूली, दो वेतनवृद्धि भी रुकेंगी

डिजिटल डेस्क,शहडोल । एकीकृत बाल विकास परियोजना बुढ़ार की तत्कालीन परियोजना अधिकारी नलिनी आठिया को भ्रष्टाचार और शासकीय राशि के दुरुपयोग का दोषी पाया गया है। जांच में वित्तीय अनियमितता प्रमाणित होने के बाद कमिश्नर जेके जैन ने उनके खिलाफ साढ़े 9 लाख रुपए से अधिक की वसूली और आगामी दो वेतन वृद्धियां रोकने का आदेश दिया है। नलिनी वर्तमान में परियोजना अधिकारी अनूपपुर हैं।
ठोस साक्ष्य या कथन प्रस्तुत नहीं कर सकी
मामले की जांच सीईओ जिला पंचायत शहडोल कर रहे थे। सीईओ की ओर से इसी वर्ष 28 जनवरी को जांच प्रतिवेदन परियोजना अधिकारी को उपलब्ध कराते हुए अधिरोपित आरोपों के संबंध में अपना पक्ष रखने का अवसर दिया गया था, लेकिन आठिया आरोपों के संबंध में कोई ठोस साक्ष्य या कथन प्रस्तुत नहीं कर सकीं। आरोपी के विरुद्ध कैश बुक में एक लाख रुपए कम आमद दर्ज करने, स्वसहायता समूहों को नियम विरुद्ध 5 लाख रुपए से अधिक का लाभ दिलाने, अग्रिम राशि का समयसीमा में समायोजन न कराने और आंगनबाड़ी भवनों का नियमानुसार भुगतान न करने के आरोप थे।
एक लाख कम हो गए
एकीकृत बाल विकास परियोजना बुढ़ार की कैशबुक में 7 अगस्त 2013 को कुल शेष राशि 3 लाख 4 हजार 16 रुपए थी, लेकिन 8 अगस्त को शेष राशि में एक लाख रुपए कम करते हुए 2 लाख 4 हजार 16 रुपए दर्ज किया गया। इसका समायोजन आज दिनांक तक नहीं कराया गया।
बिना प्रावधान भुगतान
आंगनबाड़ी केंद्रों में 6 माह से तीन वर्ष तक के बच्चों को नाश्ता दिए जाने का प्रावधान नहीं है। इसके बाद भी उन्होंने लक्ष्मी स्वसहायता समूह द्वारा प्रदाय पोषण आहार के देयकों को वरिष्ठ कार्यालय प्रेषित कर 5 लाख 18 हजार 494 रुपए का अनियमित भुगतान कराया।
अग्रिम आहरण किया
राज्य शासन द्वारा अग्रिम आहरणों पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके बावजूद परियोजना अधिकारी द्वारा 1 लाख 53 हजार रुपए का अग्रिम आहरण किया गया तथा दिनांक 16 अगस्त 2016 तक 75244 रुपए का समायोजन नहीं कराया गया।
किराया का भुगतान
वर्ष 2012 से 2016 तक आंगनबाड़ी भवनों के किराए का भुगतान मकान मालिकों के खातों में न करके। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का आरटीजीएस के माध्यम से किया गया, जो कि नियमों के विपरीत है।
स्वसहायता समूहों को लाभ
माह अक्टूबर 2014 में दर्ज हितग्राही 30516 के विरुद्ध 548010 रुपए स्वसहायता समूहों को भुगतान कराया गया। जबकि अप्रैल 2017 में 40144 हितग्राहियों के विरुद्ध 286642 रुपए का भुगतान हुआ। यानि कम हितग्राही संख्या में स्वसहायता समूहों को अधिक भुगतान और अधिक हितग्राही संख्या में कम भुगतान किया गया।
Created On :   8 March 2019 1:21 PM IST