तबादला रुकवाने हाईकोर्ट पहुंची महिला कर्मचारी को मिली राहत

डिजिटल डेस्क, मुंबई । बांबे हाईकोर्ट ने एक महिला सरकारी कर्मचारी के तबादले को इसलिए रद्द कर दिया है। क्योंकि उसका भाई मानसिक रुप से कमजोर है। इसके अलावा जिस इलाके में महिला कर्मचारी का तबादला किया गया था वहां पर मानसिक रुप से कमजोर बच्चों के लिए कोई स्कूल नहीं था। सुपरवाइजर के रुप में नियुक्त महिला का 26 जुलाई 2021 को सातारा जिले में ही एक इलाके से दूसरे इलाके में ही 30 किमी की दूरी पर एक स्कूल में तबादला किया गया था। जिसे चुनौती देते हुए महिला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
मुख्य न्यायाधीश एसवी गंगापुरवाला व न्यायमूर्ति एसवी मारने की खंडपीठ के सामने महिला कर्मचारी की याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता सुदीप नारगोलकर ने कहा कि राज्य सरकार ने 15 मई 2014 को एक शासनादेश जारी किया है जिसमें साफ किया गया है कि यदि कर्मचारी किसी मानसिक रुप से कमजोर व्यक्ति का संरक्षक है तो उसे तबादले से छूट रहेगी।याचिकाकर्ता का भाई मानसिक रुप से कमजोर है। इस तथ्य का याचिकाकर्ता के सर्विस बुक में भी जिक्र है। याचिकाकर्ता के भाई की उम्र 10 साल है। ऐसे में यदि याचिकाकर्ता का नई जगह तबादला किया जाता है तो उसके भाई को पुराने स्कूल के लिए रोजाना 30 किमी का सफर करना पड़ेगा। इससे याचिकाकर्ता व उसके भाई दोनों को काफी दिक्कत होगी। इसलिए तबादले के आदेश को रद्द कर दिया जाए। वहीं सरकारी वकील निशा मेहरा ने कहा कि याचिकाकर्ता ने अपनी इच्छा से नई पोस्टिंग को स्वीकार किया है। याचिकाकर्ता के घर में उनकी मां व बहन है जो बच्चे की देखरेख कर सकते है। इस तरह से उन्होंने तबादले के आदेश को न्यायसंगत ठहराया।
मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने और राज्य सरकार की ओर से साल 2014 में जारी किए गए शासनादेश पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि डेढ साल पहले अंतरिम राहत के तौर पर महिला के तबादले पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई थी। इसके मद्देनजर याचिकाकर्ता के तबादले को लेकर जारी किए गए आदेश को रद्द किया जाता है। खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार भविष्य में आम तबादले का आदेश जारी करते समय याचिकाकर्ता के संबंध में अपने साल 2014 के शासनादेश पर जरुर विचार करे। इस तरह खंपीठ ने महिला को बड़ी राहत प्रदान की।
Created On :   4 March 2023 7:15 PM IST