कावेरी नदी में तीर्थयात्रियों के बह जाने की आशंका को लेकर बचाव अभियान जारी

Rescue operation underway over fears of pilgrims getting washed away in Kaveri river in Karnataka
कावेरी नदी में तीर्थयात्रियों के बह जाने की आशंका को लेकर बचाव अभियान जारी
कर्नाटक कावेरी नदी में तीर्थयात्रियों के बह जाने की आशंका को लेकर बचाव अभियान जारी

डिजिटल डेस्क, रामनगर, (कर्नाटक)। रामनगर जिले के कनकपुरा में इलागल्ली के पास कावेरी नदी पार करते समय कई तीर्थयात्रियों के बह जाने की आशंका के बाद शनिवार को भी तलाशी अभियान जारी रहा।

एक बुजुर्ग महिला के शव को बाहर निकाल लिया गया है, जबकि अन्य का पता लगाने के लिए ऑपरेशन जारी है। महिला की पहचान अभी नहीं हो पाई है।

यह घटना गुरुवार शाम की है, जब तीर्थयात्री नदी पार कर माले महादेश्वर की पहाड़ियों तक पहुंचने के लिए एक रस्सी की मदद से पहुंच रहे थे, जो भीड़भाड़ के कारण टूट गई थी।

सूत्रों के अनुसार, हालांकि कई नदी में बह गए थे, लेकिन जिला प्राधिकरण ने अभी तक इस त्रासदी के संबंध में एक आधिकारिक बयान नहीं दिया है।

राज्य और पड़ोसी तमिलनाडु के हजारों तीर्थयात्री महा शिवरात्रि उत्सव से एक सप्ताह पहले माले महादेश्वर पहाड़ियों तक पहुंचने के लिए एलागल्ली पहुंचते हैं। एलागल्ली गांव से, वे पैदल ही माले महादेश्वर पहाड़ियों के ऊपर स्थित मंदिर तक पहुंचते हैं। रास्ते में वे कावेरी नदी पार करते हैं। तीर्थयात्री कावेरी वन्यजीव अभयारण्य से होते हुए गंतव्य तक पहुंचने के लिए लगभग 30 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं।

नदी में कोई नाव या पुल की सुविधा नहीं है। वन विभाग ने नदी के दोनों सिरों को रस्सी से जोड़ा है। श्रद्धालु रस्सी पकड़कर नदी पार करते हैं। सूत्रों के मुताबिक हादसा उस वक्त हुआ, जब ज्यादा दबाव के कारण रस्सी टूट गई।

जिस स्थान पर त्रासदी हुई वह स्थान चामराजनगर और रामनगर जिलों के बीच आता है। चूंकि यह वन्यजीव अभयारण्य के अधिकार क्षेत्र में आता है, इसलिए स्थानों को जोड़ने के लिए विकासात्मक गतिविधि निषिद्ध है। तीर्थयात्रा सैकड़ों वर्षों से की जा रही है और भक्तों से अस्थायी आश्रयों की मांग बढ़ रही है, जो शिवरात्रि उत्सव के बाद समाप्त हो सकते हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रस्सी टूट गई और पानी के तेज बहाव के कारण कई नदी में बह गए, जबकि कई को बचा लिया गया।

त्रासदी के बाद, अधिकारियों ने नदी में छोड़े जाने वाले पानी के अनुपात में कमी की है। हालांकि कावेरी वन्यजीव अभयारण्य के भीतर सार्वजनिक प्रवेश प्रतिबंधित है, धार्मिक तीर्थयात्रा की अनुमति है, क्योंकि यह कई वर्षों से एक परंपरा रही है।

अधिकारियों को एहतियाती कदम उठाने को कहा गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऐसी कोई दुर्घटना न हो। जिला प्रशासन और वन विभाग दोनों ने संयुक्त रूप से तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की है।

(आईएएनएस)

Created On :   26 Feb 2022 3:31 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story