हड़ताल पर गए राज्यभर के रेजिडेंट डाक्टर

डिजिटल डेस्क , मुंबई। राज्य के सरकारी व मनपा अस्पतालों के 7 हजाररेजिडेंट डॉक्टर्स सोमवार सुबह से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए। रेजिडेंट डाक्टरों की हड़ताल के चलते मरीज बेहाल दिखाई दिए। इस बीच राज्य के मेडिकल शिक्षामंत्री गिरीष महाजन ने रेजिडेंट डाक्टरों से हड़ताल वापस लेने की अपील की है। मंत्री ने कहा है कि 15 दिनों के भीतर रेजिडेंट डाक्टरों की मांगे पूरी कर दी जाएगी।
बता दें कि महंगाई भत्ता, होस्टल की बदहाली, सीनियर डॉक्टर्स के पदों के नए पदों के सृजन, कोविड भत्ता आदि मांगों को लेकर सोमवार सुबह से रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। ओपीडी, वॉर्ड आदि नॉन इमरजेंसी सेवाओं से इन डॉक्टरों ने खुद को दूर कर लिया है। हालांकि रेजिडेंट डॉक्टर्स इमरजेंसी विभाग, आईसीयूमें अपनी सेवाएं दे रहे है लेकिन ओपीडी में अपनी सेवाएं न देने से यहां आनेवाले मरीजों को भारी परेशानी उठानी पड़ी है।
हडताली डाक्टरों ने जेजे अस्पताल, केईएम और नायर अस्पताल समेत राज्य के अन्य जिलों के सरकारी मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टरों ने हाथों में पोस्टर्स लेकर धरना प्रदर्शन किया। रेजिडेंट डाक्टरों के संगठन मार्ड का कहना है कि हमें आश्वासन नहीं चाहिए। सेंट्रल मार्ड के अध्यक्ष डॉ. अविनाश दहिफले ने कहा कि हम भी नहीं चाहते कि मरीज परेशान हो लेकिन सरकार भी हमारी मांगों को अनदेखा कर रही है। डा दहिफले ने कहा कि सरकार लगातार हमारी मांगों की अनदेखी कर रही है। हास्टल की मांग कई वर्षों से लंबित पड़ी हुई है।उन्होंने कहा कि फिलहाल हमें सरकार की तरफ से बातचीत के लिए कोई बुलावा नहीं आया है।
आधी मांगे तुरंत होंगी मंजूरः मेडिकल शिक्षामंत्री
दूसरी तरफ राज्य के मेडिकल शिक्षामंत्री गिरीष महाजन ने कहा कि हड़ताली डॉक्टरों की आधी मांगों को तुरंत मंजूर किया जा रहा है और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को हास्टल के मरम्मत कार्यों के लिए 12 करोड़ रुपये दिए गए हैं। महाजन ने कहा कि हम हर चीज को लेकर सकारात्मक हैं। उन्हें (डॉक्टरों को) हड़ताल पर जाने से पहले हमसे बात करनी चाहिए थी।
Created On :   2 Jan 2023 7:24 PM IST