‘सवारी अपने सामान की खुद जिम्मेदार’

Ride responsible for your own luggage
‘सवारी अपने सामान की खुद जिम्मेदार’
शिकायत खारिज ‘सवारी अपने सामान की खुद जिम्मेदार’

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर के अतिरिक्त उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग ने अपने हालियां फैसले में स्पष्ट किया है कि, रेल यात्रा के दौरान चोरी हुए गहनों के लिए रेलवे को मुआवजा देने को नहीं कहा जा सकता, क्योंकि रेलवे यात्रा के दौरान ऐसे किसी भी सामान का जिम्मेदार नहीं होता, जिसकी पहले से बुकिंग करके रसीद प्राप्त नहीं की गई हो। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार अगर यात्री ने गहनों का रेल प्राधिकरण से इंश्योरेंस कराया हो, तो ही रेलवे को मुआवजा देने के लिए कहा जा सकता था। इस निरीक्षण के साथ आयोग ने एक यात्री की उस शिकायत को खारिज कर दिया, जिसमें यात्री ने रेल यात्रा के दौरान चोरी हुए गहनों के लिए रेलवे को मुआवजा देने का आदेश जारी करने की प्रार्थना की थी।   

रेलवे की दलील- यात्री किराया लिया था, सामान का नहीं : आयोग के समक्ष रेलवे ने दलील दी कि, उनकी ओर से सेवा में कोई त्रुटि नहीं हुई, क्योंकि उन्होंने यात्री से उसकी यात्रा का किराया लिया था, उसके सामान का नहीं। रेलवे केवल उन्हीं वस्तुओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेता है, जिसकी कनसाइनमेंट के रूप में काउंटर पर पंजीयन करके शुल्क भरा जाता है। ट्रेन में यात्रा कर रहे यात्रियों के सामान की सुरक्षा के लिए रेलवे सुरक्षा हुक बर्थ के पास मुहैया कराता है, ताकि यात्री उसकी मदद से सामान को लॉक रखे। इस मामले में यात्री की लापरवाही के कारण ही उनका सामान चोरी हुआ है। ऐसे में रेलवे मुआवजा देने के लिए बाध्य नहीं है। 

शिकायतकर्ता की दलील- सुरक्षा की जिम्मेदारी रेलवे की : शिकायतकर्ता के अनुसार वह अपनी पत्नी के साथ 25 जून 2018 को तेलंगाना एक्सप्रेस में मथुरा से नागपुर लौट रहा था। उनकी आरक्षित बर्थ थी। सफर में पत्नी सोने गहने लेकर चल रही थी, जिसका मूल्य 1.83 लाख रुपए था। गहने पर्स में रखे हुए थे, जिसमें आधार कार्ड, एटीएम कार्ड और कुछ नगदी भी थी। इस सामान का मूल्य कुल 1.94 लाख रुपए था। बीच सफर में यह पर्स चोरी हो गया। शिकायतकर्ता ने तुरंत इसकी सूचना टीटीई और रेलवे पुलिस को दी। जिसके बाद रेलवे पुलिस ने नागपुर में चोरी का मामला दर्ज किया। शिकायतकर्ता ने 19 जुलाई 2018 को रेलवे को कानूनी नोटिस भेजकर अपने नुकसान की क्षतिपूर्ति मांगी। दलील थी कि, रेल यात्रियों को सुरक्षा मुहैया कराना रेलवे की जिम्मेदारी होती है। ऐसे में उन्हें हुए नुकसान भरपाई भी रेलवे को ही करनी चाहिए, लेकिन रेलवे से मुआवजा नहीं मिलने पर उन्होंने आयोग की शरण ली। 

Created On :   19 Nov 2022 12:15 PM IST

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