"न्याय व्यवस्था पर दबाव नहीं पड़ा को फरवरी नहीं देख पाएगी शिंदे सरकार'

Shinde government will not be able to see February if there is no pressure on the judicial system
"न्याय व्यवस्था पर दबाव नहीं पड़ा को फरवरी नहीं देख पाएगी शिंदे सरकार'
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राऊत का दावा  "न्याय व्यवस्था पर दबाव नहीं पड़ा को फरवरी नहीं देख पाएगी शिंदे सरकार'

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) सांसद संजय राऊत ने एक बार दोहराया है कि राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार फरवरी नहीं देख पाएगी। राऊत ने शनिवार को कहा कि शिंदे सरकार वेंटिलेटर पर है और यह फरवरी महीना नहीं देख पाएगी। नाशिक में पत्रकारों से बातचीत करते हुए राऊत ने कहा कि तस्वी र धीरे-धीरे बदल रही है। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियां चल रही है, लेकिन इसके पहले बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। अगर हमारी न्या य व्यावस्थाइ पर दबाव नहीं डाला गया तो मुझे यकीन है कि शिंदे-फडणवीस सरकार फरवरी महीना नहीं देख पाएगी। मुझे नहीं लगता कि न्यादय पालिका पर कोई दबाव होगा।

संविधान, नियम-कानून का उल्लंघन करने वाली यह सरकार फरवरी में गिर जाएगी। राऊत ने कहा कि 16 विधायक अयोग्यर घोषित किए जाएंगे। इस मामले में विलंब की नीति अपनाई गई है। सरकार वेंटिलेटर पर है और उसे सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया तो इसका ''हे-राम'' हो जाएगा। कोई भी उनके साथ नहीं रहेगा। राऊत ने कहा कि विधानमंडल के नागपुर अधिवेशन के दौरान कई मामले सामने आने के बावजूद सरकार पानी में भैंस की तरह बैठी रही और विपक्ष को जिम्मेदार बताने का काम करती रही। पहले हाईकोर्ट की फटकार के बाद मंत्री इस्तीफा देते थे, लेकिन एक ही अधिवेशन में मुख्यमंत्री सहित 6 मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के सबूत रखे गए, लेकिन सरकार मूर्खों की तरह बैठी रही। राऊत ने शिंदे को ताना मारते हुए कहा कि यह सरकार 40 विधायकों के लिए है। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना एक ही है। गट-तट अस्थानई है। शिवसेना की स्थानपना बाला साहेब ठाकरे ने की थी। उसी शिवसेना का नेतृत्वन उद्धव ठाकरे कर रहे हैं। हमारे साथ पूरे महाराष्ट्र के हैं। 

शिंदे गुट में शामिल होंगे ठाकरे गुट के बचे विधायकः शिरसाट
शिंदे गुट के विधायक संजय शिरसाट ने दावा किया कि अगले 8 से 10 दिनों में उद्धव ठाकरे गुट के सभी विधायक हमारे साथ आ जाएंगे। संजय राऊत पर पलटवार करते हुए विधायक शिरसाट ने कहा कि रोज सुबह 9:30 बजने वाले भोंगे से जनता ऊब चुकी है। हम जमीनी स्तसर पर काम करते हैं। पार्टी में जिन विधायकों-कार्यकर्ताओं को आगामी चुनाव लड़ना है, उन्हें जानकारी है कि यदि ऐसे ही शोर-शराबे में बैठे रहे तो चुनाव लड़ने की मन स्थिति में नहीं रहेंगे। शिरसाट ने कहा कि जब पार्टी में बगावत हुई थी, उस वक्त मैंने गुवाहाटी से प्रतिक्रिया दी थी कि उद्धव ठाकरे को गुमराह करने वाले लोगों की वजह से ही शिवसेना खत्म हो रही है। आज भी कुछ ऐसा ही चल रहा है। खुद को चमकाने के लिए पार्टी का उपयोग किया जा रहा है। बता दें कि शिवसेना के 40 विधायक और 12 सांसद शिंदे गुट में शामिल हो चुके हैं।  
 

Created On :   7 Jan 2023 6:56 PM IST

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