मई से तमिलनाडु में हाथियों की मौत की जांच शुरू करेगी एसआईटी

SIT to start probe into elephant deaths in Tamil Nadu from May
मई से तमिलनाडु में हाथियों की मौत की जांच शुरू करेगी एसआईटी
तमिलनाडु मई से तमिलनाडु में हाथियों की मौत की जांच शुरू करेगी एसआईटी
हाईलाइट
  • कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट देनी होगी

डिजिटल डेस्क, चेन्नई। मद्रास हाई कोर्ट द्वारा गठित एक विशेष जांच दल (एसआईटी) 15 मई से तमिलनाडु के वन क्षेत्रों में 2014 और 2018 के बीच 19 हाथियों की मौत पर अपनी जांच शुरू करेगा। टीम को 10 जून को कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट देनी होगी।

एसआईटी मेगामलाई वन्यजीव अभयारण्य, और सत्यमंगलम, इरोड और हसनूर डिवीजनों में हुई हाथियों की मौत की जांच करेगी। न्यायमूर्ति वी. भारतीदासन और न्यायमूर्ति एन. सतीश कुमार की मद्रास उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने एसआईटी के गठन का आदेश दिया था क्योंकि मामले में सीबीआई जांच की गति धीमी थी।

एसआईटी में पुलिस अधीक्षक (सीबीआई) निर्मला देवी, तमिलनाडु के पूर्व मुख्य वन्यजीव वार्डन शेखर कुमार नीरज, तमिलनाडु वन प्रशिक्षण कॉलेज के प्रिंसिपल बी. राजमोहन, पुलिस उपाधीक्षक संतोष कुमार और मोहन नवास, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, नक्सली विशेष टीम संभाग, नीलगिरी में शामिल हैं। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि एसआईटी संबंधित विभागों से आवश्यक अनुमति लेकर पुलिस और वन विभागों के अधिकारियों की सेवाएं ले सकती है।

इसने टीम को आपराधिक प्रक्रिया संहिता के साथ-साथ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत एक जांच करने की अनुमति दी। 19 हाथियों की मौत में से केवल पांच शिकार के कारण हुई थीं।

बाकी या तो बिजली का करंट लगने या अन्य कारणों से मरे थे। मद्रास हाई कोर्ट ने एसआईटी को जांच करने और अवैध शिकार के आरोपियों को गिरफ्तार करने और तस्करों से हाथी दांत बरामद करने का भी निर्देश दिया।

अदालत ने कहा कि यह उन लोगों के लिए एक निवारक के रूप में कार्य करेगा जो संरक्षित प्रजातियों और अन्य जंगली जानवरों के अवैध शिकार और हत्या जैसे वन्यजीव अपराध करते हैं। मद्रास हाईकोर्ट ने भी कहा है कि वह इस पर फैसला करेगा कि एसआईटी में और सदस्यों को शामिल किया जाए या नहीं।

 

 (आईएएनएस)

Created On :   28 April 2022 6:30 AM GMT

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