‘समृद्धि’ पर एसटी की दौड़ से लग रहा चूना

डिजिटल डेस्क, नागपुर। एसटी परिवहन महामंडल को समृद्धि महामार्ग रास नहीं आ रहा है। यहां से चलाई जाने वाली बसें डीजल तो दूर टोल टैक्स का भी पैसा नहीं निकाल पा रही हैं। ऐसे में प्रशासन के लिए समृद्धि महामार्ग से बसों को चलाना किसी चुनौती से कम नहीं है। ऊपर से आने वाले दिनों यहां से मुंबई के लिए बसें चलाने पर विचार किया जा रहा है। उपरोक्त स्थिति देखने के बाद इसके चलने पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
आधी भी नहीं भर पाती हैं बसें : वर्तमान में नागपुर से समृद्धि महामार्ग पर चार बसें चलाई जा रही हैं, जो नागपुर से शिर्डी व नागपुर से औरंगाबाद जाती है। प्रति दिन सुबह 9 बजे निकलने वाली इन बसों को यात्री ही नहीं मिल रहे हैं। मुख्य कारण यह है कि उक्त जगहों पर जाने के लिए कई निजी बसें व ट्रेन उपलब्ध हैं, जो एसटी की तुलना ज्यादा आरामदायक सफर देते हैं। ऐसे में एसटी की उक्त दिशा में जाने वाली बसों को यात्री ही नहीं मिल रहे हैं। 45 सीटों की इन बसों में मुश्किल से 10 से 20 यात्री रहते हैं।
टोल टैक्स ही 6 हजार
उक्त बसों में केवल एक बस को महामार्ग पर 6 हजार के करीब टोल टैक्स लग रहा है। इतनी बसों की टिकट भी नहीं बिक रही है। इसके अलावा डीजल व कर्मचारियों का वेतन व ओटी की रकम मिलाकर एक बस को चलाने का खर्च 12 से 15 हजार तक आ रहा है। प्रति दिन एक बस को चलाने के लिए इतना पैसा खर्च करने के बाद भी बसों को यात्री नहीं मिलना एसटी के लिए अच्छे संकेत नहीं है। प्रति यात्री लगभग एक हजार रुपए का किराया है। अगर 15 यात्री ही सवार होते हैं, तो ले-देकर करीब-करीब ‘नो प्राफिट, नो लॉस’ की स्थिति रहेगी। फायदे के लिए कम से कम बस की आधी सीटों पर यात्री होने चाहिए। यानी 22 से 25 यात्री बस में अंतिम गंतव्य स्थान के रहें, तो ही फायदा हो सकता है।
तो कैसे चलेगी मुंबई के लिए एसटी
नागपुर से मुंबई जाने वाले यात्रियों की संख्या प्रति दिन बहुत ज्यादा रहती है। खासकर त्योहारों के दिनों तक मुंबई की ओर जाने वाली रेलवे गाड़ियां पैक रहती हैं। ऐसे में यात्रियों को जाने के लिए दूसरा कोई विकल्प नहीं बचता है। इस कारण मुंबई के लिए समृद्धि से एसटी को चलाने का विचार चल रहा है। लेकिन इसी तरह बसें इस मार्ग पर घाटे का स्वाद चखाती रहीं, तो शायद ही मुंबई के लिए बस चलाने पर प्रशासन सहमत रहेगा।
Created On :   31 Jan 2023 3:21 PM IST