उपविभागीय पुलिस अधिकारी ने मांगी 2 करोड़ की रिश्वत,10 लाख रुपए लेते एसीबी ने रंगेहाथों पकड़ा - जानिए कारनामा

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उपविभागीय पुलिस अधिकारी ने मांगी 2 करोड़ की रिश्वत,10 लाख रुपए लेते एसीबी ने रंगेहाथों पकड़ा - जानिए कारनामा

डिजिटल डेस्क,परभणी । सेलू के एक उपविभागीय पुलिस अधिकारी राजेंद्र गमकरण पाल और पुलिस कांस्टेबल गणेश लक्ष्मणराव चव्हाण ने आपत्तिजनक ऑडियो क्लिप वायरल न करने और इस क्लिप के आधार पर कार्रवाई न करने के ऐवज में शिकायतकर्ता से 2 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी। बाद में यह सौदा 1.5 करोड़ रुपए में तय हुआ। इस राशि की एक किश्त के रूप में 10 लाख रुपये स्वीकारते हुए रिश्वत प्रतिबंधक विभाग के अधिकारियों ने राजेन्द्र पाल और कांस्टेबल चव्हाण को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है। इस संदर्भ में सेलु थाने में मामला दर्ज होने के बाद दोनों को अदालत में पेश किया गया, जहां से दोनों को 4 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।

जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता के एक दोस्त की दुर्घटना में मौत हो गई थी। इस घटना को लेकर 3 मई 2019 को सेलु  पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था।  घटना के करीब दो साल बाद यानी 9 जुलाई, 2021 को उप विभागीय पुलिस अधिकारी पाल ने शिकायतकर्ता को अपने कार्यालय में बुलाया और कहा कि तुम्हारे दोस्त की मौत के मामले की जांच के दौरान हमें एक क्लिप मिली है। यदि यह क्लिप वायरल हो जाए और पुलिस जांच में सामने लाई जाए, तो तुम्हारे ऊपर केस बन सकता है। यदि इससे बचना चाहते हो, तो 2 करोड़ रुपए देने होंगे। शिकायतकर्ता ने पाल से सोचने के लिए समय मांगा। इस दरम्यान पाल शिकायतकर्ता को बार-बार फोन कर पैसे देने के लिए दबाव बनाता रहा। बाद में यह सौदा 1.5 करोड़ में तय हुआ। 22 जुलाई को शिकायतकर्ता ने इस बात की सूचना एसीबी को दी। जिसके आधार पर मुंबई एसीबी की टीम ने जाल बिछाया और शिकायतकर्ता के भाई से रिश्वत की तय राशि की किश्त के रूप में 10 लाख रुपए लेते हुए पहले चव्हाण और फिर पाल को भी गिरफ्तार कर लिया। यह मामला सेलू पुलिस थाने में दर्ज होने के बाद दोनों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जहां से दोनों को 4 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
 

Created On :   24 July 2021 8:08 PM IST

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