अभ्यर्थी को साक्षात्कार में प्रविष्ट होने से पहले भर्ती से जुड़ी प्रक्रिया पर सवाल उठाना चाहिए

The candidate should question the recruitment process before appearing in the interview.
अभ्यर्थी को साक्षात्कार में प्रविष्ट होने से पहले भर्ती से जुड़ी प्रक्रिया पर सवाल उठाना चाहिए
हाईकोर्ट ने कहा अभ्यर्थी को साक्षात्कार में प्रविष्ट होने से पहले भर्ती से जुड़ी प्रक्रिया पर सवाल उठाना चाहिए

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि अभ्यर्थी (कैडिडेट) यदि भर्ती से जुड़े दिशा-निर्देशों के उल्लंघन से खुद को प्रभावित महसूस करता है तो उसे इस मुद्दे को साक्षात्कार में प्रविष्ट होने से पहले उठाना चाहिए। न्यायमूर्ति आरडी धानुका व न्यायमूर्ति एमजी सिविलिकर की खंडपीठ ने यह बात कहते हुए  एक को-आपरेटिव बैंक की भर्ती प्रक्रिया की वैधता को चुनौती देनेवाली याचिका को खारिज कर दिया है। इसके साथ खंडपीठ ने कहा कि को-आपरेटिव बैंक संविधान के अनुच्छेद 12 में दी गई “राज्य” की परिभाषा के दायरे में नहीं आते है। इसलिए मामले से जुड़ी याचिका सुनवाई योग्य भी नहीं है।

मार्च 2019 में सागली जिला सेंट्रल को-आपरेटिव बैंक ने जूननियर क्लर्क के 400 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। विक्रम रस्कर नाम के युवक ने भी परीक्षा दी थी। साक्षात्कार के बाद सफलता न मिलने के बाद रस्कर ने नियमों के उल्लंघन को लेकर याचिका दायर की थी।  बैंक की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने खंडपीठ के सामने कहा कि याचिकाकर्ता साक्षात्कार के बाद सफल नहीं हुआ है। इसलिए उसने यह याचिका दायर की है। उन्होंने संविधान के प्रावधानों का उल्लेख करते हुए कहा कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। जबकि याचिकाकर्ता ने याचिका में दावा किया था कि नियमानुसार बैंक को परीक्षा के आनलाइन आयोजन के लिए सरकार के पैनल से जुड़ी एजेंसी का चुनाव करना चाहिए था लेकिन बैंक मे निजी एजेंसी को परीक्षा के आयोजन का काम सौपा। इसके अलावा बैंक की ओर से कथित रुप से भर्ती प्रक्रिया को लेकर अन्य नियमों का उल्लंघन किया गया है। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि यदि कैंडिडेट परीक्षा के बाद साक्षात्कार में प्रविष्ट हो जाता है तो वह उसके बाद भर्ती से जुड़ी प्रक्रिया व निर्देशों पर सवाल नहीं उठा सकता है। खंडपीठ ने कहा कि इस मामले को लेकर कई तथ्यों को लेकर विवाद है। लिहाजा हम इस याचिका पर सुनवाई नहीं कर सकते। इस तरह खंडपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया।
 

Created On :   27 July 2022 6:51 PM IST

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