धधक रहा एटापल्ली का जंगल, वनसंपदा हो रही खाक
डिजिटल डेस्क, एटापल्ली (गड़चिरोली)। वनों से व्याप्त गड़चिरोली जिले की एटापल्ली तहसील का जंगल इन दिनों दावानल से धधकने लगा है। पिछले तीन दिन से तहसील के विभिन्न गांवों से सटे वनों में आग लगी हुई है। इस आग आग में वनों में मौजूद बेशकीमती पेड़ों समेत आयुर्वेदिक वनाैषधियों के पौधे जलकर खाक होने लगे हैं। वन विभाग के पास पर्याप्त संसाधन हाेने के बावजूद दावानल पर नियंत्रण पाने अब तक कोई प्रयास शुरू नहीं किये जाने से आग तेज गति से फैल रही है। वन विभग के सारे दावे एटापल्ली वनक्षेत्र में विफल साबित होते दिखायी दे रहे हंै। भामरागढ़ वनविभाग के तहत एटापल्ली तहसील का समावेश है। इस तहसील के कसनसुर वन परिक्षेत्र के पेठा, कसुरवाही, कोकाबड़ा वनक्षेत्र में पिछले तीन दिन से बड़े पैमाने पर आग लगी हुई है। उल्लेखनीय यह हैं कि, ग्रीष्मकाल आरंभ होने के पूर्व से ही कसनसुर वन परिक्षेत्र कार्यालय के अधिकारियों समेत कर्मचारियों ने गांव-गांव पहुंचकर लोगांे में दावानल न लगाने संदर्भ में जनजागृति की थी। वनसंपदा की सुरक्षा के लिए भी गांवों में जागरण किया गया था।
साथ ही वनों में आग लगाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की सूचना भी दी गयी थी। वहीं वनों में आग लगने की सूचना देने वाले व्यक्तियों को नकद पुरस्कार देने का ऐलान भी वन विभाग द्वारा किया गया था। इतना ही नहीं, आग लगने की सूचना मिलते ही तत्काल संबंधित वनक्षेत्र में पहुंचकर आग पर काबू पाने के लिए अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षित भी किया गया था। बावजूद इसके तीन दिन से आग लगने के बाद भी वन विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है। बता दें कि, कसनसुर का वनक्षेत्र पूरी तरह नक्सल प्रभावित है। इसी कारण इस क्षेत्र में विभाग का कोई अधिकारी नहीं पहुंच पाता। इसी का लाभ उठाते हुए महुआ फूलों के संकलन और तेंदूपत्ता संकलन करने वाले व्यक्तियों द्वारा जंगलों में धड़ल्ले से आग लगायी जाती है। दावानल के चलते हर वर्ष जिले की वनसंपदा स्वाहा हो रही है। लेकिन इस दावानल पर नियंत्रण पाने अब तक कोई कारगर कदम नहीं उठाने से वनविभाग को ही घाटा उठाना पड़र रहा है।
पर्याप्त संसाधनों के बावजूद वन विभाग विफल
दावानल पर काबू पाने के लिए वनविभाग के पास कर्मचारियों की पर्याप्त संख्या के साथ विभिन्न प्रकार के उपकरण उपलब्ध है। जिसमें ब्लोर मशीनों के साथ ही आग का पता लगाने के लिए ड्रोन मशीनों के साथ अन्य उपकरणों का समावेश है। सैटेलाइट सिग्लन की मदद से भी विभाग के अधिकारी दावानल की जगह ट्रैक कर सकते हैं। भारी मात्रा में संसाधन उपलब्ध होने के बाद भी वनों की आग पर काबू पाने विभाग सफल नहीं हो पा रहा है। विभाग के पास प्रत्येक वनक्षेत्र के वनरक्षक के साथ वनपाल और वनमजूद उपलब्ध है। मात्र यह कर्मचारी अपने कर्तव्य को प्रामाणिकता से नहीं निभा रहें है। इसी का नतीजा हैं कि, वनों में आग लगने के बाद भी यह कर्मचारी आग पर काबू पाने घटनास्थल पर पहुंच नहीं पाते। एटापल्ली के वनक्षेत्र में बेशकीमती सागौन पेड़ों के साथ विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक वनौषधियों के पौधे उपलब्ध है। लेकिन दावानल के चलते यह वनसंपदा नष्ट होने लगी है। इस संदर्भ में कसनसुर के वन परिक्षेत्र अधिकारी खंडाते से उनके मोबाइल क्रमांक 9404786750 पर संपर्क करने का लगातार प्रयास किया गया। लेकिन उनका मोबाइल संपर्क क्ष्रेत्र से बाहर बताया गया।
Created On :   29 March 2023 3:11 PM IST