पहली पायरी विशाला में महादेव यात्रा के लिए शिवभक्तों के पहुंचने का सिलसिला शुरू

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छिंदवाड़ा पहली पायरी विशाला में महादेव यात्रा के लिए शिवभक्तों के पहुंचने का सिलसिला शुरू

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा/जुन्नारदेव। एक नमन गौरा पार्वती हर बोला हर-हर महादेव... हर-हर बम-बम के जयकारों के साथ बुधवार को महादेव मेले में भक्तों का आना शुरू हो गया है। ट्रेन और सडक़ मार्गों से बड़ी संख्या में शिव भक्त मेले में पहुंच रहे हैं। ट्रेन से आने वाले शिवभक्त देवनगरी पहली पायरी में रात्रि विश्राम कर अल सुबह महादेव की यात्रा प्रारंभ कर रहे हैं।
पौराणिक मान्यता है कि पहली पायरी से होकर ही भगवान शंकर चौरागढ़ पर्वत पर पहुंचे थे। इसी कारण पहली पायरी को महादेव यात्रा की प्रथम सीढ़ी कहा जाता है। महादेव यात्रा में देश के विविध राज्यों से प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हंै। नागपुर से आए श्रद्धालु नीलेश, वसंत पांडे का कहना है कि यह उनकी दसवीं यात्रा है। उनकी भगवान शंकर के प्रति गहरी आस्था है, यही कारण है कि वह बीते दस वर्षो से महादेव यात्रा कर रहे हंै।
सतघघरी में सात कुंडों से आता है पानी
पहली पायरी से पैदल यात्रा शुरू करने वाले शिव भक्त पदम पठार की कठिन चढ़ाई पार करते हुए लगभग 12 किमी की यात्रा कर सतघघरी पहुंचते हंै। यहां पानी के सात कुंड हैं, जो एक दूसरे से जुड़े हैं। पहले कुंड में फूल प्रवाहित करने पर वह सातों कुंड से बहता हुआ दिखाई देता है। यहां शिवभक्त दोपहर के समय विश्राम करते हंै। यह महादेव यात्रा का पहला पड़ाव है। यहां विश्राम के बाद शिवभक्त आगे की यात्रा शुरू करते है।
भूराभगत मंदिर की करते हैं परिक्रमा
सतघघरी के बाद शिवभक्त गोरखनाथ, मछिंदरनाथ की चढ़ाई को पार कर नागथाना होते हुए भूराभगत पहुंचते हंै। यह करीब 13 किमी की यात्रा है। ग्राम पंचायत सांगाखेड़ा के भुराभगत मंदिर को स्पर्श कर उसकी परिक्रमा करने की प्रथा है। भूराभगत के दर्शन के बाद ही महादेव यात्रा पूरी मानी जाती है। इसके बाद छोटी भुवन, देनवा नदी के दर्शन कर शिवभक्त बड़ी भुवन होते हुए नंदीखेड़ा पहुंचते हैं। इसके बाद पहली पायरी में कपूर जलाकर चौरागढ़ की कठिन चढ़ाई प्रारंभ करते हंै।
दर्शन मात्र से मिट जाती है थकान
भुवन से लगभग साढ़े तीन घंटे की कठिन चढ़ाई के बाद शिवभक्त चौरागढ़ पर्वत पर स्थित महादेव मंदिर में पहुंचते हैं। यहां स्थित मंदिर में भगवान शंकर की प्रतिमा के दर्शन करने मात्र से ही शिव भक्तों की थकान दूर हो जाती है। भगवान की आराधना करने से उनकी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
भक्तों का नजरिया
मैं और मेरा परिवार वर्षों से महादेव की यात्रा कर रहे हैं। हमारे पूर्वज भी महादेव यात्रा करते रहे ंहै। दिल्ली में रहने के बाद भी पांच सालों से महादेव यात्रा कर रहा हूं। इस बार भी परिवार के साथ यात्रा पर आया हूं।
जय सिंह निवासी नांगलोई दिल्ली
इस साल मेरी सातवीं यात्रा है। मैं पिपरिया से यहां पहुंचा हूं। मेरे बेटे के साथ यहां आया हूं। महादेव शंकर के दर्शन से ही हमारी मनोकामना पूर्ण हो रही है।
पंचम निवासी पिपरिया

Created On :   9 Feb 2023 4:18 PM IST

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