राष्ट्रवाद के वटवृक्ष का बीजारोपण भी नागपुर की ही धरती से हुआ था 

The seed of the banyan tree of nationalism was also planted from the soil of Nagpur itself.
राष्ट्रवाद के वटवृक्ष का बीजारोपण भी नागपुर की ही धरती से हुआ था 
सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा- राष्ट्रवाद के वटवृक्ष का बीजारोपण भी नागपुर की ही धरती से हुआ था 

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  वीर सावरकर बिरले प्रकृति के महापुरुष थे जिन्होंने 1857 के समर को स्वतंत्रता संग्राम कहा था। कुछ लोग अनेक आयामों पर राष्ट्र के सम्मान और गौरव के उत्थान में अपनी भूमिका निभाते हैं। आज हम जिस महापुरुष के गौरव की यात्रा के अवसर पर एकत्रित हुए हैं वह वहीं व्यक्ति हैं जिन्होंने राष्ट्र के इस गौरव अभियान का सूत्रपात किया था। यह भी सुखद संयोग है कि, 1857 के स्वतंत्रता संग्राम का सूत्रपात भी इसी महाराष्ट्र की धरती से हुआ था जब नाना साहब पेशवा  उसके मुख्य रणनीतिकार थे, चीफ एक्जिक्यूटर तात्या टोपे और रानी लक्ष्मीबाई थे। यह प्रतिपादन सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने किया। मंगलवार को शंकरनगर चौक पर आयोजित स्वातंत्र्यवीर सावरकर गौरव यात्रा समारोह में बतौर प्रमुख वक्ता वे बोल रहे थे।

स्वातंत्रयवीर सावरकर के जीवन से जुड़े विविध पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि, राष्ट्रवाद के विशाल वटवृक्ष का बीजारोपण भी नागपुर की इसी धरती से हुआ था जो आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में दिखाई देता है। उन्होंने बताया कि, स्वातंत्रयवीर सावरकर ने ही ब्रिटिशकालीन सेना में देश के युवाओं को शामिल होने का आह्वान किया था जिसका परिणाम यह हुआ कि, 1947 के पहले 16 फरवरी 1946 को नौसेना के 20 हजार सैनिकों ने ब्रिटिश हुकुमत के खिलाफ विद्रोह कर दिया। जिसके बाद ब्रिटिश सरकार को भारत को स्वतंत्र करने का निर्णय लेना पड़ा। उन्होंने स्वतंत्रता को वीर सावरकर की दूरदृष्टि का परिणाम निरुपित किया। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, मंजिलें (श्रेय) उनको मिलीं जो सफर में ही नहीं थे। उन्होंने कहा कि, अब भारत का इतिहास करवट ले रहा है। हम विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बने हैं।
 
कारतूस हूं मैं : फडणवीस : उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि, सावरकर माफीवीर नहीं, अपितु स्वातंत्र्यवीर थे। सावरकर के जीवन की विविध घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि, सशस्त्र क्रांति का नारा देने वाले सावरकर ने विदेशी वस्तुअों का बहिष्कार किया। लंदन के इंडिया हाउस में बम बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया और देश में क्रांति का बीजारोपण भी किया। चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि, मैं फड़तूस नहीं, कारतूस हूं। झुकूंगा नहीं, घुसूंगा। फडणवीस ने कहा कि, सावरकर सच्चे भारत रत्न हैं और वक्त आने पर उन्हें भारतरत्न का सम्मान प्रदान किया जाएगा।

आत्मनिर्भर भारत हमारा सपना : गडकरी : स्वातंत्र्यवीर सावरकर को समाजसुधारक, साहित्यिक, उत्कृष्ट कवि निरुपित करते हुए केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने कहा सावरकर हमारे हृदय में हैं। उन्होंने जातिवाद, अस्पृश्यता व भेदभाव की नीति का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि, हिंदू पुरोगामी है। उन्होंने कहा कि, राहुल ने सावरकर का अपमान किया है अत: उन्हें क्षमा मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि, देश को आत्मनिर्भर बनाना उनका सपना है, विश्वगुरु बनने की देश में क्षमता है।  स्वातंत्र्यवीर सावरकर ने ही राष्ट्रवाद को सर्वोपरि कहा था।इस अवसर पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले,शांताक्का, कृपाल तुमाने, कृष्णा खोपड़े, मोहन मते, भगीरथ महाराज, उधोजी भोसले, विकास महात्मे, अजय संचेती, रमेश ठुंबरीकर, चंद्रकांत वानखेड़े, देवेंद्र दस्तूरे, हबीब खान, सुरेश यादव, सुलेखा कुंभारे आदि प्रमुखता से उपस्थित थे।
 

Created On :   5 April 2023 1:36 PM IST

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