केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती के लिए मनोदर्पण’ की शुरूआत की‘

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केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती के लिए मनोदर्पण’ की शुरूआत की‘

डिजिटल डेस्क, दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ने आज नई दिल्ली में छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती के लिए उन्हें मनो-सामाजिक सहायता प्रदान करने हेतु मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ‘मनोदर्पण’ पहल शुरू की। इस अवसर पर मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री श्री संजय धोत्रे भी मौजूद थे। इस अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग के सचिव श्री अमित खरे, स्कूली शिक्षा और साक्षरता सचिव श्रीमती अनिता करवाल और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। श्रीमती अनिता करवाल ने इस कार्यक्रम में इस ‘मनोदर्पण’ पहल के बारे में एक विस्तृत प्रस्तुति दी। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ने‘ मनोदर्पण’ पहल के हिस्से के रूप में एक राष्ट्रीय टोल-फ्री हेल्पलाइन (8448440632), मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पोर्टल पर ‘मनोदर्पण’ का एक विशेष वेब पेज और ‘मनोदर्पण’ एक पुस्तिका का भी उद्घाटन किया इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ने कहा कि कोविड-19 दुनिया भर में जाहिर तौर पर सभी के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय है। यह वैश्विक महामारी न केवल चिकित्सा संबंधी एक गंभीर चिंता है,बल्कि सभी के लिए मिश्रित भावनाएं और मनो-सामाजिक तनाव भी लाती है। उन्होंने कहा कि बच्चों और किशोरों पर विशेष ध्यान देने के बाद भी उनमें मानसिक स्वास्थ्य चिंताएं दिखने लगती हैं जो अक्सर ऐसी स्थितियों में दर्ज की जाती हैं। इस तरह की मानसिक बीमारी के लिए बच्चे और किशोर अधिक आसान लक्ष्य हो सकते हैं और वे इस माहौल में अन्य भावनात्मक और व्यवहार संबंधी बदलावों के साथ तनाव,चिंता और भय के उच्चतम स्तर का अनुभव कर सकते हैं। श्री पोखरियाल ने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने महसूस किया है कि जहां शैक्षणिक मोर्चे पर निरंतर शिक्षा पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है, वहीं छात्रों की मानसिक तंदुरूस्ती को भी बनाए रखने पर समान जोर दिया जाना चाहिए। इसलिए मंत्रालय ने ‘मनोदर्पण’नाम से एक नई पहल की शुरूआत की है जिसमें कोविड महामारी के दौरान और उसके बाद भी छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती को बनाए रखने के लिए उन्हें मनो-सामाजिक सहायता प्रदान करने हेतु विभिन्न तरह की गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि शिक्षा,मानसिक स्वास्थ्य और मनो-सामाजिक मुद्दों से जुड़े विशेषज्ञों का एक कार्यकारी समूह गठित किया गया है जो मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों और छात्रों की चिंताओं पर नजर रखेगा और परामर्श सेवाएं, ऑनलाइन संसाधनों और हेल्पलाइन के माध्यम से कोविड-19 की वजह से लगे लॉकडाउन के दौरान और उसके बाद भी छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और मनो-सामाजिक पहलुओं से निपटने में मदद उपलब्ध कराएगा। श्री पोखरियाल ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आत्म-निर्भर भारत अभियान का शुभारंभ किया और शिक्षा क्षेत्र के लिए उत्पादकता, कुशल सुधारों और पहलों को बढ़ाने के लिए मानव पूंजी को मजबूत बनाने की कोशिश के रूप में इस अभियान में मनोदर्पण पहल को शामिल किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 के दौरान और उसके बाद भी छात्रों की मदद के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय की वेब-साइट पर मनोदर्पण- मानसिक स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती नाम से एक वेब पेज बनाया गया है। इस वेब-पेज पर सलाहकार, व्यावहारिक सुझाव,पोस्टर,पॉडकास्ट,वीडियो,मनोसामाजिक मदद के लिए क्या करें और क्या ना करें की सूची, एफएक्यू और ऑनलाइन पूछताछ प्रणाली मौजूद हैं। एक राष्ट्रीय टोल-फ्री हेल्पलाइन (8448440632) भी स्थापित की गई है। उन्होंने बताया कि इस अनूठी हेल्पलाइन को अनुभवी परामर्शदाताओं / मनोवैज्ञानिकों और अन्य मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा प्रबंधित किया जाएगा और यह कोविड-19के हालात के बाद भी जारी रहेगा। इस हेल्पलाइन के माध्यम से छात्रों को उनके मानसिक स्वास्थ्य और मनो-सामाजिक मुद्दों के समाधान के लिए टेली-काउंसलिंग प्रदान की जाएगी। इस अवसर पर कार्यक्रम में शामिल लो%9

Created On :   22 July 2020 9:08 AM GMT

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