ग्राम पुस्तकालय से गांवों में पठन संस्कृति को मिलेगा बल : मुनगंटीवार

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर।ग्रामीण क्षेत्र में पठन संस्कृति विकसित करने, गांवों में पठन के लिए अधिकार का व्यासपीठ निर्माण हो इसिलए प्रत्येक तहसील में 10 पुस्तकालय इस कल्पना से 150 ग्राम पुस्तकालय बनाए गए हंै। इससे ग्रामीण परिसर में पठन की संस्कृति को बल मिलेगा, यह विचार राज्य के वन, सांस्कृतिक कार्य व मत्स्यव्यवसाय मंत्री तथा जिले के पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने व्यक्त किए। वे नियोजन सभागृह में आयोजित 150 ग्राम पुस्तकालय के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। कार्यक्रम में अभिनेता मकरंद अनासपुरे, जिलाधिकारी विनय गौड़ा, जि. प. मुख्य कार्यकारी अधिकारी विवेक जॉन्सन, पुलिस अधीक्षक रवींद्रसिंह परदेसी, मुख्य वनसंरक्षक प्रकाश लोणकर, मनपा आयुक्त विपिन पालीवाल, ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के क्षेत्र संचालक डा. जीतेंद्र रामगावकर, जिला नियोजन अधिकारी ग.रु. वायाल साथ ही विविध विभाग के विभाग प्रमुख उपस्थित थे।
पालकमंत्री मुनगंटीवार ने आगे कहा, जिला परिषद के माध्यम से "माझी अभ्यासिका" अभियान का अच्छा उपक्रम जिले में शुरू किया है। पुस्तकालय के माध्यम से विद्यार्थी और नागरिकों में पुस्तक पठन की रुचि निर्माण करने की आवश्यकता है। चंद्रपुर, बल्लारपुर पोंभुणा और मूल के पुस्तकालयों में डेढ़ हजार विद्यार्थी पढ़ने आते हैं। इनमें से कई विद्यार्थी जीवन में प्रतियोगी परीक्षा पास कर न केवल परिवार का ख्याल रखते हैं बल्कि समाज की सेवा करने का संकल्प भी लेते हैं। इससे पहले कृषि पुस्तकालय और 1500 ई-लर्निंग स्कूल बनाए गए थे। जिले के पालकमंत्री के रूप में मिशन कोहिनूर में विद्यार्थीयों की विभिन्न प्रतियोगिताओं के माध्यम से विभीन्न क्षेत्र का कोहिनूर चुना जाना चाहिए। साथ ही वर्ष में कम से कम छह जिलास्तरीय स्पर्धा आयोजित करने की सूचना मुनगंटीवार ने दी। अभिनेता मकरंद अनासपुरे ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि विद्यार्थी जीवन में पठन की संस्कृति के महत्व को समझाने के लिए सरकार के स्तर पर साथ ही जनप्रतिनिधियों द्वारा पहल करना सराहनीय है।
Created On :   17 Feb 2023 1:41 PM IST