मोटे अनाज के उत्पादन में आगे है पश्चिम महाराष्ट्र व मराठवाडा

West Maharashtra and Marathwada are ahead in the production of coarse grains
मोटे अनाज के उत्पादन में आगे है पश्चिम महाराष्ट्र व मराठवाडा
बढ़ रही मांग  मोटे अनाज के उत्पादन में आगे है पश्चिम महाराष्ट्र व मराठवाडा

अमित कुमार, मुंबई। केंद्र सरकार की पहल पर प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष 2023 मनाया जा रहा है।लेकिन प्रदेश में विभिन्न मोटेअनाजों में सबसे अधिक ज्वार, बाजरा और रागी का उत्पादन होता है। जबकि कोदो, कुटकी, चेना, ओट,सावा, जौ, चौलाई, राजगिरा जैसे अन्य मोटे अनाजका उत्पादन नगण्य है। प्रदेश के विदर्भ अंचल के मुकाबले मराठवाड़ा और पश्चिम महाराष्ट्र संभाग में ज्वार की पैदावार अधिक होती है। जबकि बाजरा का उत्पादन भी विदर्भ की तुलना में उत्तर महाराष्ट्र और पश्चिम महाराष्ट्र में ज्यादा है।  वहीं रागी के उत्पादन में कोंकण और उत्तर महाराष्ट्र आगे हैं। प्रदेश सरकार के विपणन विभाग के एक अधिकारी ने "दैनिक भास्कर'से बातचीत में बताया कि राज्य में साल 2022-23 के सीजन में ज्वार की बुवाई 14 लाख 31 हजार 791 हेक्टेयर क्षेत्र में है। साल 2022-23 के द्वितीय अग्रिम अनुमान के अनुसार 1,54,61,875 क्विंटल ज्वार उत्पादन हो सकता है। जबकि साल 2021-22 के फसल सत्र में 22 लाख 85 हजार 244 हेक्टेयर क्षेत्र में ज्वार की बुवाई हुई थी। उस सीजन में ज्वार का उत्पादन2,14,99,749 क्विंटल हुआ था।राज्य के बुलढाणा, अमरावती, उस्मानाबाद, लातूर, चंद्रपुर, अहमदनगर, जलगांव, पुणे, सालापुर, धुलिया, बीड़, औरंगाबाद, जालना जैसे जिले में ज्वार की पैदावार अधिक होती है। 

बाजारा का बुवाई क्षेत्र और उत्पादन 
राज्य में वर्तमान सीजन 2022-23 में बाजरा की बुवाई 4 लाख 7 हजार 562 हेक्टेयर क्षेत्र में हुई है। इससे 44,74,544 क्विंटल बाजारा उत्पादन का अनुमान है। जबकि साल 2021-22 के सीजन में बाजरा की बुवाई 6 लाख 66 हजार 717 हेक्टेयर क्षेत्र में हुई थी। इसके जरिए बाजारा का उत्पादन 61,85,822 क्विंटल हुआ था। बाजारा का नाशिक, धुलिया, सातारा, सांगली, सोलापुर, पुणे, अहमदनगर, औरंगाबाद, जालना और बीड़ में उत्पादन ज्यादा होता है। 

रागी का बुवाई क्षेत्र और उत्पादन
साल 2022-23 के सीजन में पूरे प्रदेश में रागी की बुवाई 68 हजार 612 हेक्टेयर क्षेत्र में है। इससे 9,57,449 क्विंटल उत्पादन का अनुमान है। जबकि बीते सीजन साल 2021-22 में रागी की बुवाई 81 हजार 265 हेक्टेयर क्षेत्र में हुई थी। बीते साल 10,26,351 क्विंटल रागी का उत्पादन हुआ था। रागी का पालघर, रायगड़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, नाशिक, पुणे, सागंली और सातारा में उत्पादन ज्यादा है। 

कोदो और कुटकी का उत्पादन क्षेत्र कम 
राज्य में कोदो, कुटकी, चेना, ओट्स, सावा, जौ, चौलाई, राजगिरा जैसे अन्य मोटे अनाज का बुवाई क्षेत्र और उत्पादन नगण्य है। इस साल कोदो, कुटकी, सावा जैसे मोटे अनाज की साल 2022-23 में 49 हजार 752 हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई थी। जिससे 243911 क्विंटल उत्पादन का अनुमान है। साल 2021-23 में इन फसलों की 60 हजार 257 हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हुई थी। जिसके जरिए 260209 क्विंटल उत्पादन हुआ था। इन फसलों का उत्पादन नाशिक, जलगांव, औरंगाबाद, पालघर, सातारा, सांगली और कोल्हापुर में ज्यादा होता है।  

मोटे अनाज का बाजार भाव
राज्य सहित देशभर में इस साल मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर अलग-अलग तरीके से प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन किसानों को बाजार में मोटे अनाज का दाम कम मिलता है। फिलहाल ज्वार काबाजार भाव प्रति क्विंटल2990 रुपए है। बाजरा का दाम प्रति क्विंटल 2350 रुपए और रागी की कीमत 3578 हजार रुपए है। 

साल 2022-23 में मोटे अनाज की बुवाई और उत्पादन 
विभाग      ज्वार (हेक्टेयर)     उत्पादन (क्विंटल)
नागपुर विभाग12410              73969 
अमरावती विभाग           29799             185440 
औरंगाबाद विभाग             227012        3110929
लातूर विभाग                  330959        3202817  
नाशिक विभाग                105842        1674173 
पुणे विभाग                     446919        4006718
कोल्हापुर विभाग               278394        3202862
कोंकण विभाग                  456             4967
विभाग           बाजरा (हेक्टेयर)     उत्पादन (क्विंटल)   
नाशिक विभाग        111901                1432533
पुणे विभाग           145590               1633159
कोल्हापुर विभाग    87961                725903
औरंगाबाद विभाग     61018                678030 
लातूर विभाग            1015                4669
अमरावती विभाग        77                     250 

Created On :   16 Feb 2023 7:03 PM IST

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