युवाओं का स्टार्टअप से हो रहा मोहभंग 

Youth getting disenchanted with startups
युवाओं का स्टार्टअप से हो रहा मोहभंग 
बैंकों का टालमटोल युवाओं का स्टार्टअप से हो रहा मोहभंग 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री रोजगार निर्मिती कार्यक्रम की शुरूआत 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा की गई थी। इसके तहत जिला उद्योग केंद्र में कई शिक्षित बेरोजगारों ने खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए कर्ज का आवेदन दिया, लेकिन कर्ज मंजूरी का लाभ केवल 16 % को ही मिल पाया। अन्य 84 % लोग लाभ से वंचित रहे। इसमें से कुछ ने तो स्टार्टअप का विचार ही छोड़ दिया, वहीं कुछ को अब भी लोन मिलने की आस है।

योजना को लगा रहे पलीता
मुख्यमंत्री रोजगार निर्मिती कार्यक्रम के तहत लाभार्थियों ने कर्ज के लिए आवेदन दिया है, लेकिन कागजातों का हवाला देकर बैंक कर्मी हीला-हवाली करते हैं। हारकर अनेक लोगों ने पंजीयन तक रद्द करवा दिया है। जिला उद्योग केंद्र के मुख्य प्रबंधक के अनुसार 10 % लाभार्थी पहुंचते ही नहीं और 70 से 80 % बैंक के टालमटोल रवैये के कारण लाभ से वंचित रह रहे हैं।

327 लोगों का ही कर्ज मंजूर
कर्ज प्रस्ताव के अनुसार, मैन्युफैक्चरिंग उद्योग को 50 लाख और सर्विस इंडस्ट्री के लिए 20 लाख लोन दिया जाना था। नागपुर जिला उद्योग केंद्र ने 1 अप्रैल 2022 से 27 मार्च 2023 की कालावधि में जिले के 18 बैंकों के कुल 491 शाखाओं को कुल 1982 कर्ज प्रस्ताव भेजे। बैंक ने इसमें से 327 लोगों का ही कर्ज मंजूर किया।

लक्ष्य और उद्देश्य इस प्रकार था : योजना के तहत 2019-2020 में 10 हजार लाभार्थियों का लक्ष्य रखा गया था। आगामी 5 वर्षों में करीब 1 लाख सूक्ष्म और लघु उद्योग स्थापित करने और उनसे 10 लाख रोजगार उपलब्ध कराना इस योजना का उद्देश्य था।

522 लंबित प्रस्तावों पर टिकी नजर
1 अप्रैल 2022 से 27 अप्रैल 2023 तक नागपुर जिले के विभिन्न बैंकों के 461 शाखाओं ने 1982 कर्ज प्रस्तावों में से केवल 327 प्रस्ताव ही मंजूर किये। 1133 रिजेक्ट किये गए, जबकि 522 प्रस्ताव प्रलंबित हैं। मार्च अंत तक प्रलंबित कर्ज प्रस्तावों में से कितनों को मंजूरी दी जाएगी इस पर युवाओं की नजर है।

केस 1 : कहते हैं पहले जांच करेंगे
ब्यूटी पार्लर शुरू करने के लिए 2 लाख तक का लोन चाहिए था। नवंबर 2022 में फॉर्म भरा, लेकिन बैंक ने अब तक मंजूरी नहीं दी है। कहते हैं, सच में शुरू करना है पार्लर या नहीं, इसकी जांच करेंगे। रूम देखने आएंगे, ऐसे बहाने देते हैं।  पूजा सूर्यवंशी, नागपुर

केस-2 : काम जैसा था, वैसा ही है
3 लाख तक के लोन के लिए जनवरी 2023 में फॉर्म भरा था। मेस का व्यवसाय आगे बढ़ाने के लिए पैसे की आवश्यकता थी, लेकिन कर्ज नहीं मिल पाने से जैसा था, वैसा ही काम शुरू है।  -दीपाली भूषण, नागपुर

तमाम बहाने रखते हैं सामने
मशीन का कोटेशन लाओ, ये लाओ-वो लाओ, ऐसे बहाने दिए जाते हैं। मेरा सिविल रिकॉर्ड भी अच्छा है, लेकिन लोन देने में विलंब क्यों? ये समझ में नहीं आ रहा। -रोशन भूषण, नागपुर

बैंक अधिकारी ध्यान नहीं देते
जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से सभी तरह के कर्ज प्रस्ताव के लिए नागपुर जिले के विभिन्न बैंकों को मंजूरी के लिए भेजे जाते हैं, पर बैंक अधिकारी इस तरफ ध्यान नहीं देते हैं। कई बार लाभार्थी नहीं पहुंचते, तो अनेकों बार बैंक के टालमटोल रवैये का शिकार होना पड़ता है। बैंक की ओर से लाभार्थियों को सही जानकारी देनी चाहिए, जिससे उन्हें मदद मिल सके। -एसएस मुद्दमवार,(मुख्य प्रबंधक), जिला उद्योग केंद्र, नागपुर
 

Created On :   29 March 2023 10:46 AM IST

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