एवरेस्ट का वो हादसा, जिसने दुनिया को हिला दिया

एवरेस्ट का वो हादसा, जिसने दुनिया को हिला दिया

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-14 09:38 GMT

 

डिजिटल डेस्क, नई दिेल्ली। माउंट एवरेस्ट के साथ कई कहानियां जुड़ी हुई हैं। इनमें से कुछ में इंसानी हिम्मत और जिद बयां होती है तो कुछ कहानियां बेहद दर्दनाक और दुख से भर देने वाली हैं। धरती का ये सबसे ऊंचा शिखर असल में कई लोगों को मौत की चपेट में ले चुका है। हर साल कई पर्वतारोही एवरेस्ट पर अपने देश का झंडा लहराने के लिए निकल पड़ते हैं, लेकिन बहुत ही कम लोग ही यहां से बचकर अपने घर वापस जा पाते हैं। एवरेस्ट कई हादसों का गवाह रहा है और ऐसे ही एक दिल दहलाने वाला हादसा साल 1996 में हुआ था। उस साल एवरेस्ट पर एक ऐसा खतरनाक तूफान आया था, जिसने कई पर्वतारोहियों को मौत के मुंह में धकेल दिया था।

 

 

इस शिखर की ऊंचाई इंसानों को चुनौती देती है
एवरेस्ट इंसानों के लिए सदियों तक एक चुनौती बना रहा। इसे फतेह करने की अनगिनत कोशिशें की गईं लेकिन कामयाबी नहीं मिली। आखिरकार साल 1953 में पहली बार सर एडमंड हिलेरी और तेनजिंग नोर्गे ने दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एवरेस्ट के शिखर तक पहुंचने में सफलता पाई। ये इंसानी जज्बे की वो जीत थी, जिसने कुदरत से टकराने की उसकी ताकत को नुमायां किया। उस दौर में बिना किसी तकनीक के माउंट एवरेस्ट के शिखर पर चढ़ना बेहद मुश्किल था। बाद में 1990 के दशक तक तकनीक इतनी तेजी से बढ़ी कि साधारण इंसान भी गाइड की मदद से एवरेस्ट की चढ़ाई करने की सोचने लगा।  

 

 

वो तूफान जिसने दुनिया को हिलाकर रख दिया
साल 1996 में आए एक तूफान के दौरान माउंट एवरेस्ट पर आठ पर्वतारोहियों की मौत हो गई थी। ये उस वक्त तक एवरेस्ट पर आया सबसे भयानक तूफान था। लेखक और पत्रकार जॉन क्राकॉयर ने भी उसी साल एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ने का प्रयास किया था और इस दर्दनाक हादसे में बचने के बाद एक किताब "इनटू थिन एयर" लिखी थी, जो 1997 में पब्लिश हुई। 

 

 

शिखर फतह करने के लिए निकले थे चार दल
माउंट एवरेस्ट की ये सबसे खतरनाक आपदा 10 मई, साल 1996 में हुई थी। इस दिन चार अलग-अलग दलों ने शिखर तक पहुंचने का प्रयास किया था। गाइड अनातोली बौक्रीव की टीम ने रॉब हॉल और स्कॉट फिशर की टीम से पहले ही शिखर पर फतेह हासिल कर ली थी। इसी दौरान अचानक से आए शक्तिशाली तूफान ने पर्वतारोहियों को माउंट एवरेस्ट की चोटी पर ही फंसा दिया। लगातार खराब होते हालात की वजह से वो लोग नीचे नहीं उतर पाए।  

 

दुनिया भर में बौक्रीव की हुई थी आलोचना
ये तूफान इतना खतरनाक था कि इसने हॉल और फिशर जैसे बड़े-बड़े दिग्गज, मजबूत और अनुभवी पर्वतारोहियों को भी अपनी चपेट में ले लिया था। चोटी पर मौसम खराब हो गया था और तूफान की रफ्तार भी बढ़ती ही जा रही थी। हॉल और बाकी लोग चोटी के नीचे थोड़ी सी दूरी तक भी संघर्ष नहीं कर पाए। बौक्रीव अपने टीम के सदस्यों के बिना ही पास के शिविर तक पहुंच गए थे। क्राकौयर ने अपनी किताब में बौक्रीव के इस कदम की बहुत आलोचना की और उन पर कई सवाल उठाए। इन सवालों का जवाब देने के लिए बौक्रीव ने भी एक किताब लिखी जो 1997 में पब्लिश हुई। बौक्रिव की किताब " द क्लाइंब" में उस तूफान के दौरान हुई घटनाओं का सिलसिलेवार तरीके से जिक्र किया था।

 

 

बस एक बेक वेदर्स ही बच कर वापस आए
हॉल और फिशर तूफान से लड़ते हुए अपनी टीम के साथ बने रहे, लेकिन धीरे-धीरे हालात उनके काबू से बाहर होते गए। उनके ऑक्सीजन सिलेन्डर भी खत्म होते जा रहे थे। रॉब हॉल ने सैटेलाइट फोन के जरिए न्यूजीलैंड में अपनी पत्नी से बात की, लेकिन दुख की बात ये है कि उस वक्त उन सभी पर्वतारोहियों को बचाने के लिए भी कुछ नहीं किया जा सकता था। आखिरकार तूफान से लड़ते हुए रॉब हॉल, स्कॉट फिशर और दल के बाकी लोगों की सांसे थम गई। उन सभी पर्वतारोहियों में से सैंडिहिल बेक वेदर्स एक मामूली सी फ्रॉस्टबाइट (त्वचा का ठंड की चपेट में आना) का ही शिकार हुए थे और वो अकेले ही वहां से बच कर वापस आ पाए।

 

 

इस तरह से हुई अनातोली बौक्रीव की मौत
अनातोली ने अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब देने के लिए ही किताब "द क्लाइम्ब" लिखी थी। इस किताब के जरिए 1996 के एवरेस्ट हादसे की एक दूसरी तस्वीर पेश की गई। 1997 में इस के पब्लिश होने के बाद बौक्रीव एक बार फिर से हिमालय की चोटियों पर वापस आए और माउंट अन्नपूर्णा की चढ़ाई करने निकल गए। इसे दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि माउंट अन्नपूर्णा की चढ़ाई के दौरान ही एक तूफान आया और उसी में फंसकर बौक्रीव की मृत्यु हो गई। 

 

 

इस हादसे पर बन चुकी है हॉलीवुड फिल्म
1996 में एवरेस्ट पर हुआ ये हादसा हमेशा के लिए इतिहास में दर्ज हो गया। दुनिया भर के पर्वतारोहियों में इस हादसे के बारे में जानने की दिलचस्पी रही है। इसे लेकर समय-समय पर कई किताबें लिखी गई और फीचर फिल्में भी बनाई जा चुकी हैं। इनमें साल 2015 में रिलीज हुई हॉलीवुड फिल्म ‘एवरेस्ट’ काफी लोकप्रिय रही। इस फिल्म में रॉब हॉल का किरदार अभिनेता जेसन क्लार्क ने निभाया था और स्कॉट फिशर के रोल में जैक गाइलेनहॉल नजर आए थे। वहीं जॉन क्राकॉयर की भूमिका माइकल केली और अनातोली बौक्रीव का रोल इंगवार एगर्ट ने निभाया था।

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