अजब-गजब: इस देश में है 105 कमरों वाला दुनिया का एक शापित होटल, जहां आजतक कोई इंसान नहीं ठहरा 

अजब-गजब: इस देश में है 105 कमरों वाला दुनिया का एक शापित होटल, जहां आजतक कोई इंसान नहीं ठहरा 

Bhaskar Hindi
Update: 2020-11-19 06:49 GMT
अजब-गजब: इस देश में है 105 कमरों वाला दुनिया का एक शापित होटल, जहां आजतक कोई इंसान नहीं ठहरा 

डिजिटल डेस्क। वैसे तो उत्तर कोरिया अपने अजीबोगरीब कानूनों और मिसाइलों के परीक्षण के वजह से पूरी दुनिया में मशहूर है। लेकिन इसके साथ ही यहां ऐसी कई चीजें हैं, जो लोगों को हैरान करती हैं। इन्हीं में से एक है पिरामिड जैसे आकार और नुकीले सिरे वाली एक गगनचुंबी इमारत, जो एक होटल है। इस होटल का आधिकारिक नाम रयुगयोंग है, लेकिन इसे यू-क्यूंग के नाम से भी जाना जाता है।

उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयोंग में 330 मीटर ऊंचे इस होटल में कुल 105 कमरे हैं। लेकिन आज तक कोई भी व्यक्ति यहां ठहरा नहीं है। बाहर से बेहद ही शानदार, लेकिन वीरान से दिखने वाले इस होटल को "शापित होटल" या "भुतहा होटल" के नाम से जाना जाता है। इस होटल को "105 बिल्डिंग" के नाम से भी जाना जाता है। कुछ साल पहले अमेरिकी मैगजीन ईस्क्वाइयर ने इस होटल को "मानव इतिहास की सबसे खराब इमारत" करार दिया था। इस होटल के निर्माण में बहुत पैसे खर्च हुए हैं। जापानी मीडिया के मुताबिक, उत्तर कोरिया ने इसके निर्माण पर कुल 750 मिलियन डॉलर यानी करीब 55 अरब रुपये खर्च किए थे। यह रकम उस समय उत्तर कोरिया की जीडीपी की दो फीसदी थी। लेकिन फिर भी आज तक यह होटल शुरू नहीं हो पाया।

वैसे तो इस होटल को दुनिया के सबसे ऊंचे होटल के रूप में बनाया जा रहा था, लेकिन अब इसकी एक अलग ही पहचान बन गई है। दुनिया इस होटल को अब "धरती की सबसे ऊंची वीरान इमारत" के तौर पर जानने लगी है। इस खासियत की वजह से इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है। कहते हैं कि अगर यह होटल तय समय पर पूरी तरह से बन गया होता, तो यह दुनिया की सातवीं सबसे ऊंची इमारत और सबसे ऊंचे होटल के तौर पर जाना जाता है। इस इमारत का निर्माण कार्य साल 1987 में शुरू हुआ था। बीबीसी के मुताबिक, तब यह उम्मीद जताई गई थी कि यह होटल दो साल में बनकर तैयार हो जाएगा। लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। कभी इसे बनाने के तरीके के साथ दिक्कत हुई, तो कभी निर्माण सामग्री के साथ समस्या आ गई। इसके बाद साल 1992 में आखिरकार इस होटल के निर्माण कार्य को रोकना पड़ा। क्योंकि उस समय उत्तर कोरिया आर्थिक रूप से काफी कमजोर हो गया था।

हालांकि, साल 2008 में इसे बनाने का काम फिर से शुरू हुआ। पहले तो इस विशालकाय होटल को व्यवस्थित करने में ही करीब 11 अरब रुपये खर्च हो गए। इसके बाद फिर निर्माण कार्य शुरू हुआ। पूरी इमारत में शीशे के पैनल लगाए गए और बाकी के छोटे-मोटे काम कराए गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2012 में उत्तर कोरिया के प्रशासन ने ये एलान किया था कि होटल का काम 2012 तक पूरा हो जाएगा, लेकिन यह हो नहीं पाया। इसके बाद भी कई बार उम्मीदें लगाई गईं कि होटल इस साल शुरू होगा, उस साल शुरू होगा, लेकिन हकीकत तो यही है कि आज तक यह होटल खुल नहीं पाया है। कहते हैं कि अभी भी इस होटल का काम आधा-अधूरा ही है।
 

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