पारंपरिक है अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला, शौरी बोले- हर दौर में हुआ सच लिखने -बोलने का विरोध

पारंपरिक है अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला, शौरी बोले- हर दौर में हुआ सच लिखने -बोलने का विरोध

Tejinder Singh
Update: 2019-02-08 16:15 GMT
पारंपरिक है अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला, शौरी बोले- हर दौर में हुआ सच लिखने -बोलने का विरोध

डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्रीय मंत्री रहे जाने माने पत्रकार अरुण शौरी ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला आकस्मिक नहीं बल्कि पारंपरिक है। उन्होंने कहा कि हर दौर में सच लिखने व बोलने का विरोध होता रहा है। लेकिन समयानुरुप उपाययोजनाएं भी तलाश ली जाती रही है। पत्रकारिता के क्षेत्र में विश्वसनीयता सबसे बड़ी पूंजी है। भय नहीं लालच बहका रहा है। ऐसे में हर क्षेत्र में व्यक्तिगत कीमत को सहेजना जरुरी है। फिलहाल जो दौर चल रहा है उसमें तो व्यक्तिगत कीमत की कीमत और भी बढ़ गई है। शुक्रवार को अरविंद बाबू देशमुख प्रतिष्ठान की ओर से पत्रकारिता पुरस्कार प्रदान किया गया। राज्य स्तरीय पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन वानामति सभागृह में आयोजित किया गया। शौरी इसी मौके पर बोल रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रतिष्ठान के अध्यक्ष रणजीत देशमुख ने की। 

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