बिल्ला नंबर 15, जयपुर की पहली महिला बनी कुली

बिल्ला नंबर 15, जयपुर की पहली महिला बनी कुली

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-29 09:08 GMT

 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आपने ये बात बहुत लोगों से सुनी होगी की कुछ काम सिर्फ पुरुषों के लिए ही होते हैं , महिलाओं की बस की बात नहीं है, लेकिन आज कल की महिलाएं हर फील्ड में पुरुषों को बराबरी से टक्कर दे रही है। ऐसी ही एक कहानी है  मंजू देवी की, जो उत्तर-पश्चिम रेलवे ( जयपुर) की पहली महिला कुली हैं, एक ऐसा पेशा जो पुरुषों के लिए जाना जाता है। वो अपने परिवार से एकमात्र कमाने वाली महिला है। मंजू ने 10 साल पहले ही अपने पति को खो दिया था। आज वो अपने तीन बच्चों के साथ रह रही है।

 

 

आज तक नहीं बनी कोई महिला कुली 

पारिवारिक विवादों और मनोवैज्ञानिक बाधाओं पर काबू पाने और अपनी मां मोहिनी द्वारा प्रोत्साहित करने के बाद, मंजू देवी ने अपने मृत पति महादेव का कुली लाइसेंस नंबर लिया। शुरुआत में अधिकारियों ने उसे बताया कि कोई महिला कुली का काम नहीं करती है इसलिए उसके लिए यह मुश्किल होगा, लेकिन मंजू ने अधिकारियों से कहा की वो ये काम कर लेंगी आखिरकार उन्हें लाइसेंस नंबर मिल ही गया।

 

 

अपनी वर्दी खुद ही की डिजाइन

उन्हें नौकरी की वास्तविकताओं को समझने में थोड़ा वक्त लगा साथ ही अपनी वर्दी डिजाइन करना भी उनके लिए चुनौतिपूर्ण था। अब वो एक लाल कुर्ता और काली सलवार पहने हुए अपने परिवार का पेट भरने के लिए घर से काम करने के लिए निकल जाती है।

 

 

मंजू को किया मंत्रालय ने सम्मानित

मंजू देवी 112 महिलाओं में से एक थीं, जिन्हें महिला और बाल विकास मंत्रालय ने सम्मानित किया है, इसके पहले पूर्व ब्यूटी क्वीन्स - ऐश्वर्या राय और निकोल फरिया, पर्वतारोही बछेंद्री पाल, अंशु जम्सेन्पा, मिसाइल महिला टेस्सी थॉमस और निजी जासूस रजनी पंडित को सम्मानित किया जा चुका है।

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