Shocking: इस देश के लोग पीते हैं कॉकरोच से बना शरबत

Shocking: इस देश के लोग पीते हैं कॉकरोच से बना शरबत

Bhaskar Hindi
Update: 2020-08-11 10:51 GMT
Shocking: इस देश के लोग पीते हैं कॉकरोच से बना शरबत

डिजिटल डेस्क। दुनियाभर में हर देश का खान-पान अलग-अलग तरह का होता है। कई देश ऐसे हैं जहां जानवर, कीड़े आदि कई चीजदें खाई जाती हैं। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि किसी देश में कॉकरोच से बना शरबत पिया जाता हो। जी हां यह सच है चीन सहित कई एशियाई देशों में कॉकरोच शरबत पिया जाता है और तल कर भी खाया जाता है।  कॉकरोच चीन के लोगों के लिए यह कमाई का जरिया है। कॉकरोच संभावित औषधीय गुणों के चलते चीनी उद्योग के लिए व्यवसायिक अवसर की तरह है। अब चीन में कॉकरोच को बड़े पैमाने पर पैदा किया जाने लगा है।

चीन के शीचांग शहर में एक दवा कंपनी हर साल 600 करोड़ कॉकरोच का पालन करती है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार एक बिल्डिंग में इनको पाला जा रहा है। इस बिल्डिंग का क्षेत्रफल लगभग दो खेल के मैदानों के बराबर है। वहां अलमारियों की पतली कतारों में इसे पाला जाता है। इनके लिए खाने और पानी का इंतजाम होता हैं। अंदर घुप्प अंधेरा होता है और वातावरण में गर्मी और सीलन बनाकर रखी जाती है। फार्म के अंदर कीड़ों को घूमने और प्रजनन करने की आजादी होती है। उन्हें सूरज की रोशनी से दूर रखा जाता है और वो बिल्डिंग के बाहर नहीं जा सकते हैं। 

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम से कॉकरोच पालन पर नजर रखी जाती है। इसके जरिए बिल्डिंग के अंदर तापमान, खाने की उपलब्धता और नमी पर नियंत्रण रखा जाता है। लक्ष्य कम समय में ज्यादा से ज्यादा कॉकरोच पैदा करने का होता है। जब कॉकरोच व्यस्क होते हैं, इन्हें कुचल दिया जाता है और इसका शरबत की तरह चीन के परंपरागत दवाई के रूप में पिया जाता है। इसका इस्तेमाल दस्त, उल्टी, पेट के अल्सर, सांस की परेशानी और अन्य बीमारियों के इलाज में किया जाता है।

शानडॉन्ग एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और इंसेक्ट एसोसिएशन ऑफ शानडॉन्ग प्रोविंस के निदेशक लियू यूशेंग ने द टेलीग्राफ अखबार से कहा कि कॉकरोच वास्तव में एक चमत्कारी दवा हैं। वो आगे कहते हैं कि वे कई बीमारियों का इलाज कर सकते हैं और अन्य दवाओं की तुलना में वे बहुत तेजी से काम करते हैं। प्रोफेसर लियू के मुताबिक, बुजुर्ग आबादी चीन की समस्या है। वो कहते हैं कि हमलोग नई दवाई खोजने की कोशिश कर रहे हैं और ये पश्चिमी देशों की दवाई से सस्ती होगा।

दवाई के लिए कॉकरोच का पालन सरकारी योजनाओं का हिस्सा है और इसकी दवाई का अस्पतालों में इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन कई ऐसे भी हैं जो इस पर चिंता जाहिर करते हैं। बीजिंग के चाइनीज एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंस के एस शोधकर्ता ने अपना नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर साउथ चाइन मॉर्निंग पोस्ट से कहा कि कॉकरोच का शरबत रोगों के लिए रामबाण इलाज नहीं है। यह सभी बीमारियों पर जादुई असर नहीं करता है। 

एक बंद जगह में इस तरह के कीड़े को पालन और पैदावार बढ़ाना खतरनाक साबित भी हो सकता है। चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंस के प्रोफेसर झू केयोडॉन्ग कहते हैं कि अगर यह इंसान की गलती या फिर भूकंप के कारण अरबों कॉकरोच बाहर आ जाएं, तो यह विनाशकारी भी साबित हो सकता है। 

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