ये लोग जंगल में लेते हैं कोबरा की पूंछ खाने और खून पीने की ट्रेनिंग

ये लोग जंगल में लेते हैं कोबरा की पूंछ खाने और खून पीने की ट्रेनिंग

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-30 05:22 GMT
ये लोग जंगल में लेते हैं कोबरा की पूंछ खाने और खून पीने की ट्रेनिंग

डिजिटल डेस्क, बैंकाॅक। कोबरा गोल्ड ट्रेनिंग इसे दुनिया की सबसे ज्यादा खतरनाक आर्मी ट्रेनिंग बतायी जाती है। इसमें आर्मी के जवानों को ऐसी ट्रेनिंग  दी जाती है कि वे बगैर खाना खाए और पानी पिए कई दिनों तक जिंदा रह सकते हैं, लेकिन इस ट्रेनिंग का एक और पहलु है जिसे करने के बारे में कोई आम इंसान तो क्या एक्सपर्ट भी नही सोच सकता। 

 

मुर्गे को चीरकर और कीड़े-मकोड़े खाने का गुर

सेना के जवानों को जिंदा रहने के लिए कोबरा का खून पीना, उसकी पूंछ खाना, मुर्गे को चीरकर खाना और कीड़े-मकोड़े खाने का गुर सिखाया जाता है। इसे ही कोबरा गोल्ड ट्रेनिंग कहा जाता है। ये लोग इसके लिए बेहद खतरनाक तरीका अपनाते हैं। ये सीखना भी बहुत ही कठिन होता है। 

 

1982 में हुई थी खतरनाक ट्रेनिंग की शुरूआत

इस खतरनाक ट्रेनिंग की शुरूआत 1982 में हुई थी। अमेरिका और थाईलैंड की आर्मी मिलकर विशेष रूप से थाईलैंड के जंगलों में इसे देेत हैं। इसके अलावा भी इस ट्रेनिंग में कई देशों के सैनिक भाग लेते हैं। थाईलैंड के जंगल बेद खतरनाक मानते जाते हैं। यहां तरह-तरह के जीव जंतु पाए जाते है। जहां ये सैनिक रहते हैं और खुद को मुसीबत में जिंदा रहना सीखते हैं। इसे दुनिया का सबसे खतरनाक सैन्य अभ्यास माना जाता है। 

 

7 देशों के सैनिकों को कराई जाती है ज्वाइंट एक्सरसाइज 

कोबरा गोल्ड के लिए करीब सात देशों के सैनिकों को ज्वाइंट एक्सरसाइज कराई जाती है। जिसे अमेरिकी मरीन लीड करता है। थाईलैंड के कोनबुरी प्रांत के जंगलों में स्थित मिलिट्री बेस में यह विशेष ट्रेनिंग होती है।कोबरा का खून प्यास बुझाने के लिए पिया जाता है। क्योंकि जंगलों में कई किलोमीटर तक पीने लायक पानी मिलना संभव नही होता। जब कई दिनों तक खाना नसीब ना हो तो जीने के लिए इन्हें ये सब खाना पहले से ही सिखाया जाता है। बताया जाता है कि इस ट्रेनिंग के बाद इन सैनिकों को पकड़ पाना और मारना किसी के लिए भी आसान नही होता।

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