OMG : यहां कॉफी के कचरे से चलती हैं गाड़ियां, पेट्रोल-डीजल की नहीं पड़ती जरुरत, देखें वीडियो

OMG : यहां कॉफी के कचरे से चलती हैं गाड़ियां, पेट्रोल-डीजल की नहीं पड़ती जरुरत, देखें वीडियो

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-22 06:11 GMT
OMG : यहां कॉफी के कचरे से चलती हैं गाड़ियां, पेट्रोल-डीजल की नहीं पड़ती जरुरत, देखें वीडियो

डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। एक तरफ पेट्रोल और डीजल के दामों में लगातार इजाफा हो रहा है तो दूसरी तरफ ये प्राकृतिक इंधन धीरे-धीरे खत्म होने की कगार पर हैं। कई रिसर्च में ये भी सामने आया है कि अगर इन प्राकृतिक संसाधनों का सावधानी और समझदारी से इस्तेमाल नहीं किया गया, तो ये प्रदूषण बन कर प्रकृति का गंभीर नुकसान तो करेंगी ही साथ ही भावी पीढ़ियों के लिए पेट्रोल बच पाना भी असंभव हो जाएगा। ऐसे में ऊर्जा के अलग स्रोत की खोज में वैज्ञानिक दिन-रात एक कर रहे हैं। कड़ी मेहनत के बाद बिजली से गाड़ियां चल पाना संभव हुआ है, लेकिन इससे पेट्रोल और डीजल के इस्तेमाल में कोई खास कमी नहीं देखी गयी। कई बार रिसर्च में दावा किया जाता है कि कचरे से ईधन बनाना संभव है और इसके लिए कोशिश की जा रही है, पर अभी तक ऐसा कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया जिसपर निर्भर हुआ जा सके। ऐसे में एक खबर ने सबको चौंका दिया है जिसमे कहा गया है कि लंदन में कॉफी से बसें चलाई जा रही हैं। 

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अब कचरे को "फेंकना नहीं संभाल कर रखना"

ये सुनकर आप भी जरूर हैरान हो गए होंगे, लेकिन ये खबर पूरी तरह सच है। लंदन परिवहन अब कॉफी से निकले कचरे से निकलने वाले तेल से बसें चला रहा है। बीबीसी की खबर के मुताबिक ये जानकारी खुद लंदन परिवहन के अधिकारियों ने दी है। बताया जा रहा है कि कॉफी से जो तेल निकलता है उसको ब्लेंडिंग ऑयल कहा जाता है। उस तेल को डीजल में मिलाकर बायोफ्यूल बनाया जाता है। अभी जांच के लिए ये बायोफ्यूल लंदन की पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बसों में इस्तेमाल हो किया जा रहा है, अगर ये एक्सपेरिमेंट सही रहा तो बायोफ्यूल का इस्तेमाल हर प्रकार की गाड़ियों में किया जा सकेगा। रिपोर्ट्स की मानें तो लंदन के लोग एक साल में 2 लाख टन कॉफी का कचरा निकालते हैं जिस पर लंदन स्थित टेक्नोलॉजी फर्म बायो-बीन लिमिटेड का कहना है कि उतने में काफी मात्रा में बायोफ्यूल बनाया जा सकता है। 

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कचरा है बड़े काम की चीज

जानकारी के अनुसार बायोफ्यूल बनाने वाली कंपनी कॉफी शॉप और कॉफी की फैक्ट्री से निकलने वाला कचरा वहां से लेती है। उसके बाद पूरी प्रोसेस से B20 बायोफ्यूल तैयार किया जाता है, जिसे फिलहाल एक्सपेरिमेंट पीरियड पर रखा गया है। अभी तक लंदन में चलने वाली 9 हजार 500 बसें कचरे से बने बायोफ्यूल से चल रही हैं।
 

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