ग्राम मारेगांव में लगता है भूतों का मेला - पहुंचे हजारों श्रद्धालु

ग्राम मारेगांव में लगता है भूतों का मेला - पहुंचे हजारों श्रद्धालु

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-22 09:21 GMT
ग्राम मारेगांव में लगता है भूतों का मेला - पहुंचे हजारों श्रद्धालु

डिजिटल डेस्क नरसिंहपुर । नगर सालीचौका से तीन किलो मीटर दूर समीपस्थ ग्राम मारेगांव में महावदी बारस के दिन प्राचीनकाल से मेले का आयोजन होता चला आ रहा है। इस वर्ष भी यहां पर श्री गुरूदेवादास 1008 समाधि स्थल पर अनुयायी हजारों की संख्या में पहुंचे। उक्त मेला भूतों के मेले के नाम से विख्यात है। पूरा मारेगांव ग्राम इस दिन त्यौहार के रूप में मनाता है। ग्राम मारेगांव में समर्थ गुरूदेवादास स्वामी की तपोभूमि है जहां पर इस दिन लोग पूजन अर्चन करते है। मान्यता यह भी है कि समाधि स्थल परिसर में लगे खम्ब से स्पर्श करने से रोगी एवं प्रेत बाधा से पीडि़त लोग अपने रोग दोष से एवं प्रेत बाधाओं से मुक्ति पा लेते है। लोगों का यहां तक मानना है कि भूतों के मेले में लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है एवं आने वाली बाधाएं दूर भी हो जाती है। 
1445 में देवादासजी ने यहां तपस्या की थी
देवादास समिति से जुड़े लोगों ने बताया है कि संवद 1445 में देवादास जी द्वारा यहां आकर तपस्या की गई थी इस स्थान को गुरू देवादास तपस्थली कहा जाने लगा और हर वर्ष माघ की बारस को यहां पर दूर दूर से लोग पूजन अर्चन करने आते है समाधि स्थल पर पुजारी द्वारा आये लोगों को झाड फूंक कर एवं रक्षासूत्र बांधकर आशीर्वाद दिया जाता है। अनुयायियों द्वारा रक्षा सूत्र रख्खन समाधि स्थल पर स्पर्श कर धारण करते है। लोगो का यह भी मानना है कि रक्षासूत्र से बुरी अला बला टल जाती है। भक्त लोग पूरे एक वर्ष रक्षा सूत्र को धारण करते है एवं मेले में आकर नया रक्षा सूत्र धारण कर लेते है। कुछ लोग मान्यता प्राप्ती पर अपने बच्चों का मुंडन भी समाधी स्थल पर कराते है। समिति के लोगों ने कहा है कि उक्त आयोजन संतो के समागम व संत मेले से जाना जाता था लेकिन कुछ लोगों को खम्ब से स्पर्श होने के बाद समस्याओं से निजात मिल गयी तभी से लोगों ने यह प्रचलित कर दिया कि उक्त आयोजन भूतों का मेला है। जब से क्षेत्र एवं दूर दूर तक इस आयोजन को भूतों के मेले के नाम से जाना जाता है पूरे मारेगांव ग्राम में मेले के दिन लोग लजीज व्यंजन बनाते है एवं अपने रिश्तेदारों को मेले में उपस्थित होने के लिए आमंत्रित भी करते है। मंगलवार को दूर दूर से हजारों लोग ने समाधि स्थल पहुंचकर पूजन अर्चन किया एवं मंदिर की परिक्रमा कर मन्नते मांगी। वहीं देवादास समिति द्वारा नगर भोज एवं भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें हजारों भक्तों ने प्रसादी ग्रहण की।

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