सोने की खदानों से भरा शहर, फिर भी टीन के चादरों से बने हैं घर

सोने की खदानों से भरा शहर, फिर भी टीन के चादरों से बने हैं घर

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-04 08:11 GMT
सोने की खदानों से भरा शहर, फिर भी टीन के चादरों से बने हैं घर

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। दुनिया में हर कहीं आपको कुछ न कुछ ऐसा देखने, सुनने को मिल ही जाता है जिसके बारे में जानकर कोई भी हैरानी में पड़ जाए।आज हम भी एक ऐसे ही देश के बारे में आपको बताने जा रहें हैं। जहां सोना ही सोना होते हुए भी उस देश के लोग सबसे गरीब होते हैं। जहां लोगों के घर भी टीन के चादरों से बने हुए हैं।

 

दरअसल हम बात कर रहें हैं सात समंदर पार लेटिन अमेरिकी देश पेरु के, ला रिनकोनाडा शहर, की। कहा जाता ये शहर दुनिया की सबसे ज्यादा ऊंचाई पर बसा हुआ है और हैरानी वाली बात तो ये है किइतने खतरों के बाद भी यहां करीब 30 हजार लोग रहते हैं और इतने कठिन हालातों में भी अपनी जिंदगी का गुजर- बसर करते हैं। माना जाता है कि इस शहर का औसतन तापमान 1.2 डिग्री सेल्सियस रहता है। बता दें कि  यहां दिन के समय काफी ठंड रहती है, तो वहीं रात में बर्फीली हवांए चलती हैं।    

 

इस शहर में काफी संख्या में गोल्ड माइन्स हैं लेकिन फिर भी यह शहर गरीब माना जाता है। इसकी वजह ये है कि यहां जो गोल्ड माइन्स है वो अवैध तरीके से चलाई जाती हैं। यहां के मर्द जहां माइन्स में काम करते हैं, वहीं महिलाएं इन खादानों से निकले सोने के टुकड़ों को बेचने के अलावा प्रॉस्टिट्यूशन का काम भी करती हैं। यहां की कंपनियों में मजदूरों को काम के एवज में सैलरी न देकर, उनसे 30 दिन मुफ्त में काम कराया जाता है। इसके बदले में मजदूरों को महीने के आखिर में अपनी जेबों में खदान का मटेरियल भरकर ले जाने की परमिशन दे दी जाती है। फिर इस मटेरियल में कितना सोना भी हो सकता है या फिर सिर्फ पत्थर भी निकल सकते हैं। ये निर्भर करता है मजदूरों की किस्मत पर।

 

यहां पर काफी संख्या में खादान होने पर भी अगर ये देश गरीब है तो उसका कारण यह है कि न तो यहां कोई कानून व्यवस्था है और न ही कोई प्रशासन। इसी वजह से इन खादानों से निकलने वाले सोने की काला-बाजारी की जाती है। जिससे यहां का विकास भी आज तक नहीं हो सका। इसी के चलते ना तो शहर में जाने के लिए सड़कें बनी हैं। न ही सीवर सिस्टम, जिससे यहां गंदगी का माहौल रहता है। यहां लोगों के घर भी टीन के चादरों से बने हुए हैं। 

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