वाह कंपनी हो तो ऐसी, कर्मचारी खुद तय करते हैं अपना वेतन

वाह कंपनी हो तो ऐसी, कर्मचारी खुद तय करते हैं अपना वेतन

Bhaskar Hindi
Update: 2019-09-17 08:46 GMT
वाह कंपनी हो तो ऐसी, कर्मचारी खुद तय करते हैं अपना वेतन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में लोगों को नौकरी तो मिल रही है, पर उन्हें उनके काम के हिसाब से पैसा नहीं मिल रहा है। ऐसे कितने लाखों कर्मचारी है जो बड़ी मेहनत से कंपनी को समय देता है, लेकिन सैलरी इतनी भी नहीं होती कि वह अपना खुद का खर्चा उठा सके। वहीं लंदन की एक कंपनी ने कर्मचारियों को एक बहुत बढ़िया सुविधा दी है। इस कंपनी के कर्मचारी अपनी सैलरी खुद तय करते हैं। इस कंपनी का नाम है ग्रांउट्री (GrantTree).

यह कंपनी बिजनेस कंपनियों को सरकारी फंड हासिल करने में सहायता करती है। ग्रांउट्री में काम करने वाली एक महिला कर्मचारी ने खुद अपनी सैलरी 27 लाख से बढ़ाकर 33 लाख रुपए वार्षिक कर ली है। एक रिपोर्ट के अनुसार,GrantTree में काम करने वाली सीसीलिया मंडुका ने अपनी सैलरी 6 लाख रुपए सालाना बढ़ा ली। इस कंपनी को सैलरी बढ़ाने से पहले अपने कलीग से चर्चा भी करनी होती है। 

सीसीलिया मंडुका ने पहले अपने कलीग से सैलरी को लेकर चर्चा की। सबने उसका समर्थन किया कि सैलरी बढ़नी चाहिए। GrantTree कंपनी में करीब 40 लोग काम करते हैं। सभी स्टाफ खुद अपनी सैलरी तय कर सकते हैं। वहीं चाहे तो सैलरी में बदलाव भी कर सकते हैं। हालांकि सैलरी बढ़ाने से पहले सभी कर्मचारी पता करते हैं कि उनके जैसे काम के लिए अन्य कंपनी में कितनी सैलरी है। 

सैलरी बढ़ने से पहले कर्मचारी इस बात का ध्यान रखते हैं कि उनका काम कितना अच्छा है और कंपनी सैलरी दे सकती है या नहीं। इसके बाद कर्मचारी वेतन बढ़ाने का प्रपोजल रखते हैं और कलीग उसे रिव्यू करते हैं। कलीग सिर्फ प्रस्ताव पर फीडबैक दे सकते हैं। फीडबैक के बाद कर्मचारी अपनी सैलरी खुद फाइनल कर लेते हैं। 


 

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