जानें भारत की द मून लेक क्यों पूरे दिन बदलती है अपने रंग 

रहस्यमयी झील जानें भारत की द मून लेक क्यों पूरे दिन बदलती है अपने रंग 

Neha Kumari
Update: 2021-10-11 11:34 GMT
जानें भारत की द मून लेक क्यों पूरे दिन बदलती है अपने रंग 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में कई ऐसी झीलें हैं जो काफी खूबसूरत दिखती है यह लोगों के पर्यटक का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाती हैं। वैसे तो पूरे देश में देखने के लिए कई स्थल हैं, पर आज हम आपको बताएंगे एक ऐसी झील के बारे में जिसे द मून लेक कहा जाता है। हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीती जिले में स्थित है यह झील, यह इतनी खूबसूरत है कि यहां हर साल पर्यटकों को ताता लगा रहता है। यहां देश- विदेश से कई पर्यटक घूमने आते हैं। यह जगह चारों तरफ से ग्लेशियर, ऊंचे पहाड़ और खूबसूरत वादियां से घिरा नजर आता है। टापू पर होने की वजह से यह एक अर्धचांद के रूप में दिखता है।

सर्दियों में यहां काफी बर्फबारी होती जिसकी वजह से यहां जाना सुरक्षित नहीं माना जाता है, कुछ समय के लिए इस स्थान को बंद कर दिया जाता है, यह दुनिया के सबसे खूबसूरत झीलों में से एक है जिसकी उंचाई समुद्रतल से 14100 फीट है। तेज हवाओं की वजह से यहां का तापमान काफी कम हो जाता है। हिमाचल के स्पीति और कुल्लू घाटी से कुछ ही दूरी पर मौजूद है यह झील। 


 

क्यों है यह झील खास?
यह झील भी अन्य झीलों की तरह ही दिखती है पर यहां एक चौकाने वाली बात देखने को मिलती है, इस झील का पानी दिन भर में तीन बार अपना रंग बदलता है जो इसे काफी खास बनाता है। लोग इसे "मीठे पानी की झील" भी कहते हैं, बताया जाता है कि इसका पानी पीने में काफी मिठा है, इस झील को लोग धार्मिक आस्था की नजरों से भी देखते हैं। ऐसा माना जाता है कि रात में इस झील के ऊपर परियां उड़ती हैं और पौराणिक कथाओं के अनुसार, सबसे बड़े पांडव, युधिष्ठिर को इसी झील से इंद्र के रथ द्वारा स्वर्ग में ले जाया गया था।
इस स्थान पर विशेष रूप से मई से अक्टूबर तक जाना चाहिए जब झील के किनारे लगे विशाल घास के मैदान हरे-भरे हो जाते हैं और जंगली फूलों की सुंदरता देखने को मिलती हैं।

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