खजाना बना खतरनाक, डायमंड Mirny माइन में समा जाते थे हेलिकाॅप्टर
खजाना बना खतरनाक, डायमंड Mirny माइन में समा जाते थे हेलिकाॅप्टर
डिजिटल डेस्क, माॅस्को। हीरे की खदान, नाम सुनकर ही डायमंड की चमक आंखों के सामने आ जाती है। कुछ पलों के लिए ये ख्याल भी आएगा कि यहां हम भी अपना भाग्य आजमाकर देखते हैं। यहां हम आपको दुनिया की सबसे बड़ी हीरे की खदान की ओर लेकर जा रहे हैं। इसे विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मानव निर्मित होल भी माना जाता है। इसे मिरनी माइन के नाम से जाना जाता है और यह पूर्वी साइबेरिया में स्थित है।
यहां पहुंचना इतना आसान भी नही
इसकी खोज 1957 में सोवियत रूस के वैज्ञानिकों ने की थी। इनमें सबसे पहला नाम यूवी खबरदीन का लिया जाता है। इस उपलब्धि के लिए खबरदीन को 1957 में लेनिन प्राइज दिया गया था। यहां पहुंचना इतना आसान भी नही है। सालभर में बहुत ही कम दिन ऐसे होते हैं जब यहां का मौसम खराब नही होता। यहां का तापमान सर्दियों में इतना गिर जाता है कि गाड़ियों का आॅयल तक जम जाता है। टायर फट जाते हैं। इसे खोजने के लिए जेट इंजन का प्रयोग किया गया था।रूस की इस डायमंड माइन की दुनियाभर में चर्चा थी। ये अपने आप में ही अनाेखी थी। इसके मिलने के बाद जैसे रूस के हाथ खजाना लग गया था।
10 मिलियन कैरेट तक हीरा निकाला
यह खोज रूस के लिए बड़ी उपलब्धि लेकर आयी और वह हीरे उत्पादन में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया। यहां से 10 मिलियन कैरेट तक हीरा निकाला जाता था। लेकिन उपलब्धियों का क्रम समस्याओं से भरा हुआ है। यह इतनी विशाल है कि कोई भी हेलिकाॅप्टर इसके ऊपर से नही गुजर सकता। अनेक हेलिकाॅप्टर हवा के दबाव में इसके अंदर ही समा गए। जिसके बाद यहां से हेलिकाॅप्टर निकलने पर पाबंदी लगाई गई। विशाल होल की वजह से यहां खतरा दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही गया और आखिरकार साल 2011 में इसे पूरी तरह से बंद करना पड़ा।