मरने के बाद भी आप चला सकते हैं 'इंटरनेट', करना होगा इस कंपनी से बात...

मरने के बाद भी आप चला सकते हैं 'इंटरनेट', करना होगा इस कंपनी से बात...

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-19 13:21 GMT
मरने के बाद भी आप चला सकते हैं 'इंटरनेट', करना होगा इस कंपनी से बात...

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विज्ञान की दुनिया में आज कोई काम ऐसा नहीं रहा है, जिसकी लिए कहा जा सके कि ये नामुमकिन है। आज विज्ञान ने हर काम को चुटकी बजाने जितना आसान कर दिया है। साथ ही कई नए कार्यों पर शोध भी चल रही है। ऐसा ही एक दावा सिलिकॉन वैली के एक नए स्टार्टअप ने किया है। इसने दावा किया है कि मनुष्य मरने के बाद भी इंटरनेट चला सकता है और उसका दिमाग जिंदा रह सकता है। बता दें कि इस तरह जिंदा रहने के लिए अभी तक 25 आवेदन आ चुके हैं।

सिलिकॉन वैली का दावा है कि आपके दिमाग को निकाल कर उसकी यादों को कंप्यूटर पर अपलोड कर दिया जाएगा। इसके बाद मरने के बाद भी मनुष्य डिजिटल फॉर्मेट में जिंदा रह सकता है। मगर इसमें सबसे बड़ी एक समस्या है वह यह है कि मनुष्य के दिमाग को कंप्यूटर पर अपलोड करने के लिए उसको मरना पड़ेगा। वह मनुष्य सशरीर जीवित रहते हुए यह एक्सपेरिमेंट नहीं कर सकता है।

जानकारी के अनुसार अमेरीका के दो इंजीनियर्स ने नेटकम नाम का एक नया स्टार्टअप शुरू किया है। उन्होंने दावा किया है कि ये दोनों मनुष्य के दिमाग की आर्काइविंग करते हैं। आसान शब्दों में समझा जाए तो ये दोनों इंजिनियर्स दिमाग की मेमोरी निकालकर उसे इंटरनेट पर क्लाउड में अपलोड करते हैं। इसका फायदा ये है कि आने वाले समय में वैज्ञानिक किसी व्यक्ति का डिजिटल वर्जन बना सकेंगे।

अगर आप ऐसा करने की सोच भी रहे हैं, तो हम आपको सावधान करने वाले हैं। क्योंकि अभी मनुष्य के दिमाग की यादों को कंप्यूटर में सेव करने की टेक्नोलॉजी नहीं आई है। साथ ही दूसरी बात यह भी है कि मरने के बाद मनुष्य के दिमाग की यादें सही से अपलोड हो पाएंगी या नहीं, इसकी कोई गारंटी नहीं है।

इन दोनों इंजिनियर्स का दावा है कि वो ऐसी तकनीक जल्द ढूंढने वाले हैं। जिसमें वो एक केमिकल दिमाग में इंजेक्ट करेंगे और वो दिमाग के साथ-साथ यादों को भी प्रिजर्व कर लेगा। दिमाग को इस तरह से प्रिज़र्व करने के लिए मनुष्य के दिमाग को जिंदा रहते ही प्रिज़र्व करना होगा। मतलब जिंदा रहते ही ये इंजेक्शन दिया जाएगा। जिससे आपका दिमाग प्रिजर्व हो जाएगा, साथ ही व्यक्ति की मौत हो जाएगी।

ये है दिमाग जिंदा रखने की कीमत
अगर आप सोच रहे हैं कि यह फ्री है, तो आप गलत हैं। मरने के बाद डिजिटल फॉर्म में जिंदा रहने के लिए आपको 10,000 डॉलर(6-7 लाख रुपए) जमा करने होंगे। अगर व्यक्ति आखिरी समय पर अपना इरादा बदलता है तो उसके पैसे वापस कर दिए जाएंगे। इसके साथ ही ब्रेन प्रिज़र्वेशन फाउंडेशन ने इस कंपनी को 80,000 डॉलर का इनाम भी दिया है।

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