सिर्फ शून्य ही नहीं, भारतीयों ने किए हैं ये सारे आविष्कार 

सिर्फ शून्य ही नहीं, भारतीयों ने किए हैं ये सारे आविष्कार 

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-18 09:07 GMT
सिर्फ शून्य ही नहीं, भारतीयों ने किए हैं ये सारे आविष्कार 

 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आवश्यकता आविष्कार की जननी है। कई बार आविष्कार दुर्घटनावश हो जाते हैं और कई बार बहुत दिनों के शोध और मेहनत के बाद भी इसमें कामयाबी नहीं मिलती। अगर भारतीय संस्कृति और विरासत को अच्छी तरह से जाना जाए तो हमारे पूर्वजों ने विज्ञान और गणित में दूसरे कई देशों के मुकाबले पहले ही कई आविष्कार कर दिए थे। इस बात का ज्ञान सभी लोगों को है कि भारतीयों ने शून्य का आविष्कार किया, त्रिकोणमिति की बारे में बताया और यहां तक की चंद्रमा पर पानी की खोज भी की, लेकिन ऐसे बहुत से आविष्कार हैं जिनके बारे में शायद ही आपको मालूम हो। आईए ऐसे ही कुछ आविष्कारों पर नजर डालते हैं।

 

शैम्पू

प्राचीन भारत में बालों को धोने के लिए कई तरह की जड़ी बूटियों का उपयोग किया जाता था। पिछले कुछ सालों से इसे शैम्पू के रूप में जाना जाता है। "शैम्पू" शब्द चाम्पो (चाँपो) से लिया गया है। सालों पहले भारतीय लोग सूखे हुए "आमला" का बाल धोने के लिए इस्तेमाल करते थे।

 

 

बटन  

2000 ईसा पूर्व में सिंधु घाटी सभ्यता में सजावटी बटनों का उपयोग किया जाता था। इन्हें समंदर में मिलने वाली कौड़ियों से बनाया जाता था। ये बटन मोहनजोदारो क्षेत्र में पाया गया था।

 

 

प्लास्टिक सर्जरी

आप ये जानकर हैरान होंगे, लेकिन यह सच है। 2000 ईसा पूर्व की शुरुआत में भारतीयों द्वारा पहली प्लास्टिक सर्जरी की गई थी। सर्जन सुश्रुत ने मुख्य रूप से इस तकनीक में योगदान दिया था।

 

 

स्याही

प्राचीन काल में भारत में स्याही के लिए कार्बन पिगमेंट के स्त्रोत का इस्तेमाल किया जाता था। ये स्याही टार और पिच जैसे पदार्थों को जलाने से बनती थी। चौथी शताब्दी ईसा पूर्व से भारत में स्याही का उपयोग किया जा रहा है।

 

 

फ्लश टॉयलेट

कई साल पहले हड़प्पा और सिंधु घाटी सभ्यताओं ने शौचालयों में फ्लश का उपयोग किया था। उनके पास एक सीवेज सिस्टम भी था। ये कई सदियों पहले की बात है, लेकिन प्राचीन काल में भी सेनेटरी फंक्शंस मौजूद थे।

 

 

सांप-सीढ़ी का खेल

मूल रूप से इस खेल का इस्तेमाल बच्चों को नैतिक शिक्षा देने के लिए किया जाता था। बाद में ये यूरोपीय देशों में फैल गया और 1943 में मिल्टन ब्रैडली द्वारा यूएसए में लाया गया।

 

 

हीरे की माइनिंग

सबसे पहले हीरे की माइनिंग मध्य भारत में शुरू की गई थी। ये माइनिंग कृष्णा और गोदावरी नदी के पास की गई थी। इसके अलावा 18 वीं शताब्दी तक भारत हीरे का एकमात्र स्रोत था। इसके बाद ब्राजील में हीरे की खुदाई शुरू हुई।

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