कराची में सांस लेना भी हो रहा है मुश्किल, गाय का गोबर दिलाएगा प्रदुषण से मुक्ति

कराची में सांस लेना भी हो रहा है मुश्किल, गाय का गोबर दिलाएगा प्रदुषण से मुक्ति

Bhaskar Hindi
Update: 2019-02-05 07:45 GMT
कराची में सांस लेना भी हो रहा है मुश्किल, गाय का गोबर दिलाएगा प्रदुषण से मुक्ति

डिजिटल डेस्क,  इस्लामाबाद। दुनिया के हर शहर में प्रदूषण इतना बढ़ता जा रहा है कि सांस लेना भी मुश्किल होता जा रहा है। जिससे निपटने के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। पाकिस्तान में भी एक नया तरीका खोजा गया है, जिसके बारे में जानकर शायद आपको हंसी आ जाए। पाकिस्तान में गाड़ियों, खासकर बसों और ट्रकों का धुआं अब एक समस्या बन चुका है। इसे देखते हुए पाकिस्तान के वैज्ञानिक गाय के गोबर में इसका हल ढूढ़ने लगे हैं। जी हां पाकिस्तान में इस समस्या के हल के लिए अब गाय के गोबर से बसों को चलाने का प्रयोग किया जा रहा है। इन्हें ग्रीन बस कहा जाएगा।

यहां गाड़ियां गोबर से चलने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में प्रदूषण से निपटने के लिए ग्रीन बसों को चलाने का फैसला लिया गया है। इसके लिए सरकार ने जीरो कार्बन उत्सर्जन वाली करीब 200 बसों को चलाने का प्रावधान रखा है। इन बसों में गाय के गोबर से बने मीथेन गैस का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे समुद्र में गोबर गाय का मुत्र बहाकर उसको गंदा करने से बचाया जा सकता है। इसके लिए इंटरनेशनल ग्रीन फंड की मदद ली जाएगी। 

इस परियोजना को पूरा करने में करीब 4 साल का वक्त लगेगा। बताया जा रहा है कि कराची में चार लाख गाय-भैंस जैसे दुधारु पशु है। वहां के प्रशासन ने अब इनके गोबर से गैस बनाकर उसका ईंधन के तौर पर इस्तेमाल करने का फैसला किया है। 

स्थानीय प्रशासन दुधारु पशुओं का गोबर जमा करेगा, जिसके बाद इससे बायो मीथेन बनाई जाएगी और बसों को सप्लाई की जाएगी। अधिकारियों के मुताबिक इस योजना से हर दिन 3,200 टन गोबर और पशु मूत्र समुद्र में जाने से बचेगा।  

इस पूरे प्रोजेक्ट का खर्च 583 मिलियन डॉलर का होगा। अधिकारियों ने बताया कि बस कॉरिडोर 30 किमी तक फैला होगा। इससे 15 लाख लोगों को स्वच्छ यातायात के विकल्प का फायदा होगा। इससे रोजाना करीब तीन लाख लोग सफर कर सकेंगे। अगर यह प्रयोग सफल रहा तो इसे लाहौर, मुल्तान, पेशावर और फैसलाबाद जैसे शहरों में भी लागू किया जा सकता है।

 


 

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