घर की छत पर बना डाला प्लेन, लगाई जिंदगीभर की पूंजी, मां ने मंगलसूत्र बेचकर जुटाए पैसे

घर की छत पर बना डाला प्लेन, लगाई जिंदगीभर की पूंजी, मां ने मंगलसूत्र बेचकर जुटाए पैसे

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-22 09:40 GMT
घर की छत पर बना डाला प्लेन, लगाई जिंदगीभर की पूंजी, मां ने मंगलसूत्र बेचकर जुटाए पैसे

डिजिटले डेस्क, मुंबई। कहते हैं कि सफलता का बैठकर इंतजार मत करो,काम जारी रखो, आपकी मेहनत एक दिन जरूर रंग लाएगी। महाभारत में भी इस बात पर जोर दिया गया है "कर्म करो फल की इच्छा मत करो", इसका भी सीधा-सीधा मतलब यही है कि यह मत सोचो कि जो किया है उसका फल- उसकी शाबाशी आपको तुरंत मिल जाए, फसल बोने के बाद भी उसके उगने का इंतजार करना ही पड़ता है। ज्यादातर लोगों को लगता है कि जब तक सफलता नहीं मिलती काम करने का कोई फायदा नहीं है, इस सोच को झुठला दिया है 19 साल अपने एक सपने को जीने वाले कैप्टन अमोल यादव ने। उन्होंने संघर्षों का सामना करते हुए अपने घर की छत पर ही एयरक्राफ्ट तैयार किया है और अब उसको खुले आसमान में उड़ाने की अनुमति भी मिल गयी है।

19 साल बाद खुला किस्मत का पिटारा

मेहनत देर-सवेर रंग जरूर लाती है। इसकी प्रत्यक्ष मिसाल मुंबई के रहने वाले कैप्टन अमोल यादव बनकर खड़े हुए हैं। अमोल ने 19 साल पहले इस एयरक्राफ्ट को बनाने का काम शुरू किया था,  और उनका ये एयरक्राफ्ट 2011 यानी कि 12 साल में उन्होनें इस एयरक्राफ्ट को बना लिया था लेकिन इसे खुले आसमान में उड़ाने की इजाजत उन्हें अब जाकर मिली है। अमोल यादव जेट एयरवेज में डिप्टी चीफ के पद पर कार्यरत हैं। हवा में रहना उन्हें इतना पसंद है कि उन्होनें अपने घर की छत पर एयरक्राफ्ट बना डाला।

1 एयरक्राफ्ट को बनाने में लगी पूरे जीवन की पूंजी

कहने में ये बहुत आसान लग रहा होगा कि 19 साल में एक एयरक्राफ्ट बनाया, लेकिन इस एयरक्राफ्ट को बनाना उनके लिए इतना भी आसान नहीं था। इस एयरक्राफ्ट को बनाने में अमोल अपने पूरे जीवन की पूंजी लगा चुके हैं। इस एयरक्राफ्ट की लागत ही इतनी है कि अच्छे-अच्छों को पसीने आ जाएं। जब उनके पास पूंजी के नाम पर कुछ नहीं बचा तो उनके भाई और मां ने उनके सपने को उड़ान भरने में उनकी मदद की।  उनके भाई ने उनके मुश्किल समय में अपना घर गिरवी रखकर उन्हें पैसे दिए तो उनकी मां ने अपने सुहाग की निशानी यानी अपना मंगलसूत्र तक बेच दिया। 

पंख बनाने के बाद उड़ान के लिए लम्बा इंतजार


वैसे आपके साथ भी ऐसा होता होगा कि आपने बड़े मन से कोई चीज मंगाई है लेकिन आपको उसे पहनने की इजाजत नहीं है। कुछ ऐसा ही अमोल के साथ भी हुआ। 2011 में बनकर तैयार हुआ विमान 2017 तक भी उड़ान नहीं भर पाया। इससे अमोल को काफी निराशा हुई।

6 लोग कर सकते हैं सफर


हाल ही में 6 साल का उनका इंतजार खत्म हआ है और उन्हें ये एयरक्राफ्ट उड़ान की परमिशन मिल गयी है। ये 6 मीटर का एयर क्राफ्ट है और अब इसे डीजीसीए की मंजूरी का सर्टिफिकेट मिल चुका है। अब अमोल एक और एयरक्राफ्ट बनाने की तैयारी में हैं जिसमें उनका लक्ष्य 19 लोगों के बैठने लायक विमान बनाना है। आपको बता दें अमोल द्वारा बनाया गया ये एयरक्राफ्ट इसी साल फरवरी में मेक इन इंडिया एग्जीबिशन में प्रदर्शित किया गया था। 

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