खूबसूरती के साथ रहस्यमयी भी है ये शहर: आप भी जानें इस रहस्य को

खूबसूरती के साथ रहस्यमयी भी है ये शहर: आप भी जानें इस रहस्य को

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-09 15:17 GMT
खूबसूरती के साथ रहस्यमयी भी है ये शहर: आप भी जानें इस रहस्य को
हाईलाइट
  • 12 सालों में एक बार खिलने वाले इस दुर्लभ फूल का दृश्य आंखों से जल्दी धूमिल नहीं होता।
  • नीलाकुरिंजी एक मोनोकार्पिक पौधा है जो इतने सालों बाद खिलकर मर जाता है।
  • नीलाकुरिंजी पर लिखी एक किताब में बताया गया है की केरल की वन जनजाती के लोग इसे इस फूल को प्यार का प्रतीक मानते हैं।

डिजिटल डेस्क,केरल। दक्षिण भारत के खूबसूरत राज्य केरल के बारे में तो आपने सुना ही होगा, जो अपनी खूबसूरती के लिए विख्यात है। केरल का एक छोटा सा शहर मुन्नार अपनी वनस्पतियों और अद्भुत समुद्र के लिए जाना जाता है। समुद्र से 1600 मीटर ऊपर बसा ये खूबसूरत शहर चाय, कॉफी, मसालों और मंत्रमुग्ध कर देने वाले दृश्यों के लिए पूरे विश्वमें मशहूर है और यही वो शहर है जहां भारत का सबसे खूबसूरत रहस्य छुपा हुआ है। 

इस रहस्य का नाम है नीलाकुरिंजी, विश्व का सबसे दुर्लभ फूल जो 12 सालों में सिर्फ एक बार खिलता है और इस दृष्टि से ये साल भाग्यशाली है, क्योंकी इस साल मुन्नार में नीलाकुरिंजी के फूल खिल चुके हैं।

नीलाकुरिंजी, स्ट्रोबिलान्थस प्रजाति का फूल है। स्ट्रोबिलान्थस फूलों की 350 प्रजातियों में से है, जिनमें से 60 प्रजातियां पूरे भारत में उपदूीपों पर फैली हुई हैं। ये फूलों की एक ऐसी प्रजाति है जो अलग-अलग समय 10, 12, और 16 सालों में खिलते हैं। लंबे समय तक इंतजार कराने वाले ये फूल जहां खिलते हैं वहां पूरी वादियों को नीले चादर की तरह ढंक देते हैं।

नीलाकुरिंजी एक मोनोकार्पिक पौधा है जो इतने सालों बाद खिलकर मर जाता है। जिसके बाद इसे दोबारा तैयार होने में काफी समय लगता है। ये फूलों की एक ऐसी प्रजाति है जो पूरे विश्व में कहीं भी नहीं खिलती। 
 
नीलाकुरिंजी पर लिखी एक किताब में बताया गया है की केरल की वन जनजाति के लोग इसे इस फूल को प्यार का प्रतीक मानते हैं। काहा जाता है कि उनके भगवान मुरुगा ने एक आदिवासी शिकारी लड़की से नीलाकुरिंजी के फूलों की माला पहनाकर विवाह किया था। 

12 सालों में एक बार खिलने वाले इस दुर्लभ फूल का दृश्य आंखों से जल्दी धूमिल नहीं होता। हांलाकि, अब ये फूल शायद 2030 में जाकर खिलेंगे। 

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