कभी सोचा है प्लेन की लाइट्स टेक-ऑफ और लैंडिंग के समय क्यू डिम रहती है

कभी सोचा है प्लेन की लाइट्स टेक-ऑफ और लैंडिंग के समय क्यू डिम रहती है

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-28 09:33 GMT
कभी सोचा है प्लेन की लाइट्स टेक-ऑफ और लैंडिंग के समय क्यू डिम रहती है

 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इस दुनिया में एसी कई चीजें है जिसे कई बार हम देखकर अनदेखा कर देते हैं। जैसे कि न्यूटन के पहले भी बहुत से लोगों ने सेब या कई तरह की चीजों को नीचे गिरते देखा होगा लेकिन इस बात पर प्रश्न किसी ने नहीं उठाए। ऐसी ही एक बात है विमान की जिसे आपने देखा तो बहुत बार होगा लेकिन कभी इस बारें में जानने कि कोशिश नहीं की होगी।

 

 

टेक-ऑफ और लैंडिंग के समय होता है ज्यादा खतरा

असल में विमान के टेक-ऑफ और लैंडिंग के समय दुर्घटना का ज्यादा जोखिम होता है। इसी कारण लाइट्स ऑफ करने के लिए कहां जाता है।

 

 

रेडियम फ्लोरोसेंट संकेतों का इस वजह से करते हैं इस्तमाल

असल में जब भी कोई दुर्घटना होती है या कभी कोई इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ती है, तो यात्रियों को कोई तकलीफ ना हो इसका पूरा ध्यान रखा जाता है, इसीलिए जब भी लाइट चली जाती है तो रेडियम फ्लोरोसेंट संकेतों का इस्तेमाल किया जाता है ताकी यात्रियों को कोई तकलीफ ना हो।

 

 

सुरक्षा के लिए लाइट्स ऑफ करना है जरूरी

यात्रियों की सुरक्षा के लिए लाइट्स ऑफ रखना महत्वपूर्ण है। अगर कैबिन के अंदर रोशनी भरपूर मात्रा में होगी तो विंडो ग्लॉसेस के रिफ्लेक्शन की वजह से बाहर का कुछ भी दिखाई नहीं देता है।

 

 

मानव आंखों को अंधेरे में एडजस्ट करने में लगता है इतना समय

इसके अलावा, इंसानी आंखों को अंधेरे में एडजस्ट करने में लगभग 10 मिनट लगते हैं, जो आपातकाल के दौरान काफी लंबा समय माना जाता है।

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