चाय को विश्व भर में सिर्फ दो नामों से ही क्यों जाना जाता है?

चाय को विश्व भर में सिर्फ दो नामों से ही क्यों जाना जाता है?

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-27 05:53 GMT
चाय को विश्व भर में सिर्फ दो नामों से ही क्यों जाना जाता है?

डिजिटल डेस्क। एक प्याला ताजगी भरा, सर्दी का मौसम हो और चाय की बात न हो भला ऐसा कैसे हो सकता है। सुबह उठते ही सबसे पहले चाय पीने का चलन भारत में नहीं कई देशों में सैकड़ों साल पुराना है। ज्यादातर लोग समझते हैं कि चाय का अविष्कार भारत में हुआ है, लेकिन ऐसा नहीं है। इसकी शुरुआत चीन से हुई थी। तो आईए आज हम भी चाय पर चर्चा करते हैं। जानते हैं आखिर क्यों चाय को "चाय" या अग्रेंजी के शब्द टी (Tea), से ही जाना जाता है। कुछ अपवादों को छोड़ दें तो आप गौर करेंगे कि दुनियाभर की भाषाओं में चाय, को दो ही तरीके से बोला जाता है। एक "चाय" और दूसरा "टी" (Tea) इन दोनों शeब्दों की उत्पत्ति चीन से ही होती है।

चाय शब्द की उत्पत्ति...
ये बात समझ आती है कि बाज़ार के वैश्विकरण से पहले भी भाषा का वैश्विकरण हो चुका है। जहां-जहां "चाय" ज़मीन के रास्ते पहुंची वहां उसके नाम का उच्चारण "चाय" से मिलता-जुलता है, जैसे- परसियन में इसे "Chaye" कहा गया, जो आगे चलकर उर्दु में "चाय" बना, अरबी में "Shay" रूसी में "Chay" अफ़्रीका के कुछ देशों में बोले जाने वाली Swahili भाषा में इसे "Chai" कहा जाता है। जहां चाय यानी "Tea" समुद्र के रास्ते पहुंची वहां इसके नाम का उच्चारण "Tea" से मिलता जुलता है, जैसे- फ्रांस में "thé", जर्मन में "Tee", स्पेनिश में "té" आदि। "cha (茶)" शब्द चीन की अलग-अलग भाषाओं में कॉमन है। इस वजह से सिल्क रूट से व्यापार करने वाले देश इस शब्द के संपर्क में आए और अपने देश ले गए। पर्सिया से होकर दक्षिणी देशों में फैलने से पहले ये कोरिया और जापान पहुंच चुका था और वहां भी इसका cha (茶) से मिलता-जुलता है।

"Tea" शब्द की उत्पत्ति...
चीने की कई भाषाओं में "Tea" को ऐसे "茶" लिखा जाता है, हालांकि, अलग-अलग भाषाओं में इसका उच्चारण बदल जाता है लेकिन लिखते एक जैसे ही है। चीन को जो समु्द्री इलाका है वहां Min Nan भाषा बोली जाती है। वहां "茶" इसका उच्चारण होता है "te"। यूरोप से एशिया व्यापार करने आए डच अपने साथ 17वीं शताब्दी में अपने साथ "te" उच्चारण ले गए और अलग-अलग यूरोप के देशों में अपनी सहूलियत से बोलने लगे। चाय का उच्चारण "cha" से निकला है। ये इलाका है पुर्तगाल का, जो एशिया डच लोगों से पहले व्यापार करने आए थे। लेकिन उनका व्यापार डचों की तरह ताइवान और फ़ुजिआन से नहीं जुड़ा था। उन्होंने मकाओ से व्यापार किया जहां चाय को "te" कहा जाता था।

 

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