महिला को रेस में पुरुषों से आगे निकलने की मिली ये सजा

महिला को रेस में पुरुषों से आगे निकलने की मिली ये सजा

Bhaskar Hindi
Update: 2019-03-10 10:49 GMT
महिला को रेस में पुरुषों से आगे निकलने की मिली ये सजा

डिजिटल डेस्क, बेल्जियम। आए दिन दुनिया में कहीं न कहीं कोई- कोई न ऐसा काम होता रहता है, जो हमें ये सोचने पर मजबूर कर देते हैं कि लोगों की सोच, उनकी प्रवृत्ति कैसी होती जा रही है। जहां आज के समय में महिला को सबके साथ आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, वहीं एक महिला के साथ ऐसा अजीबो-गरीब तरह का व्यवहार किया गया जो वास्तव में आश्चर्यचकित करने वाला है। 

बेल्जियम में होने वाली महिलाओं की एक खास रेस को कुछ समय के लिए सिर्फ इसलिए रोक दिया गया क्योंकि इसमें हिस्सा लेने वाली निकोल हेनस्लमन पुरुष प्रतिस्पर्धियों के काफी नजदीक पहुंच गई थीं। ये रेस बीते शनिवार को हुई थी और इसका आयोजन ओमलूप हेट न्यूजब्लड नाम की संस्था ने किया था। संस्था के रेस मार्शल ने निकोल को 35 किलोमीटर के बाद उस वक्त रोक लिया जब वो तेजी से बढ़त लेते हुए पुरुष प्रतिस्पर्धियों के पास पहुंचने वाली थीं। 

हेनस्लमन की स्पीड को काफी तेज माना जा गया। इस रेस में शामिल होने वाले पुरुषों को महिलाओं से केवल दस मिनट पहले ही आगे जाने दिया गया था। इसके बाद भी 123 किलोमीटर की रेस में निकोल उनके काफी करीब आ गई थीं। जब निकोल को रोका गया तो वे महिला प्रतिभागियों से दो मिनट आगे निकल चुकीं थीं। उन्हें कहा गया कि कुछ देर वे इंतजार करें ताकि पुरुषों के लिए हो रही रेस में शामिल होने वाले आगे निकल सकें।

एक इंटरव्यू के दौरान निकोल ने बताया कि हम देख सकते थे कि आगे पुरुषों की रेस में शामिल होने वाले एंबुलेंस थे। "हमें करीब पांच-सात मिनट रुकना पड़ा और इस कारण हमारे लिए मौके कम हुए।" इसके बाद जब बाकी की महिला प्रतिभागी निकोल के नजदीक आईं तो उन्हें फिर से रेस शुरु करने की इजाजत दे दी गई, लेकिन यहां निकोल को रुकने का खामियाजा भुगतना पड़ा, क्योंकि निकोल फिर बाद में वो गति नहीं पकड़ पाईं जो उनकी पहले थी और इस कारण वे 74 वें स्थान पर आईं। 

निकोल का कहना है कि "हम पुरुषों के काफी करीब थे इस कारण उनसे दूरी बनाए रखने के लिए हमें रुकने को कहा गया," लेकिन इसके बाद में निकोल ने मजाक करते हुए अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा, "शायद में और मेरे साथ की अन्य महिलाएं कुछ ज्यादा ही तेज थीं या फिर कहें कि पुरुष काफी स्लो थे।"

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