मिस डेफ वर्ल्ड जीतने वाली पहली भारतीय बनीं 21 साल की​ विदिशा, रचा इतिहास

मिस डेफ वर्ल्ड जीतने वाली पहली भारतीय बनीं 21 साल की​ विदिशा, रचा इतिहास

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-26 02:03 GMT
मिस डेफ वर्ल्ड जीतने वाली पहली भारतीय बनीं 21 साल की​ विदिशा, रचा इतिहास

डिजिटल डेस्क, मुम्बई। आपको शाहरुख खान का वह डायलॉग तो याद ही होगा कि अगर किसी चीज को दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसे ​तुमसे मिलाने में लग जाती है। ऐसा ही कुछ 21 साल की विदिशा बालियान के साथ हुआ है। विदिशा उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं और इस साल उन्होंने मिस डेफ वर्ल्ड 2019 अपने नाम हासिल कर लिया है। 

बता दें  ये ब्यूटी कॉन्टेस्ट दक्षिण अफ्रीका के बोमबेला में हुआ था। विदिशा पहली भारतीय हैं जिन्होंने ये ब्यूटी पेजेंट जीता है। मुजफ्फरनगर की रहने वाली विदिशा बधिर हैं और वे एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन की मॉडलिंग स्टूडेंट है। इस प्रतियोगिता में 16 देशों की 11 फाइनलिस्ट्स ने भाग लिया था। विदिशा के बाद दूसरे नंबर पर दक्षिण अफ्रीका की एक प्रतियोगी रहीं। विदिशा की सुनने की शक्ति थोड़ी कम है। इसके बावजूद वे इस जीत के बाद उत्साहित दिखीं। 

विदिशा ने अपनी कई ​तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए है। उन्होंने एक तस्वीर शेयर कर सोशल मीडिया पर कैप्शन लिखा कि इस टाइटल को जीतना सपना सच होने जैसा है। बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो अपनी सुनने की क्षमता खो चुके हैं पर वे बेहद टैलेंटेड हैं और मौके डिजर्व करते हैं। 


वैसे तो विदिशा मुजफ्फरनगर से हैं लेकिन उनका परिवार गाजियाबाद में रहता है। विदिशा ने इस प्रतियोगिता की तैयारी गुड़गांव और नोएडा में की थी। वे इसके अलावा डेफओलम्पिक्स में इंटरनेशनल टेनिस खिलाड़ी के तौर पर भी भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। पीठ में चोट के चलते उन्होंने टेनिस से अलग होने का फैसला किया और ब्यूटी पैजेंट में भाग लेने का फैसला किया था।

विदिशा को जब मिस वर्ल्ड का ताज पहनाया गया तो उस वक्त उनकी आंखों में आंसू थे। उन्होंने इंस्टाग्राम पर अपनी एक तस्वीर शेयर की जिसमें वे ये प्रतियोगिता जीतने के बाद काफी इमोशनल नज़र आईं। इस प्रतियोगिता के टैलेंट राउंड में विदिशा ने तांडव पर परफॉर्म किया था। 

गौरतलब है कि तांडव भगवान शिव का डांसफॉर्म माना जाता है. गौरतलब है कि बधिर लोगों के लिए शुरू की गई ये प्रतियोगिता साल 2001 में शुरू हुई थी और पहला ब्यूटी पेजेंट स्पेन में हुआ था। इसे यूक्रेन की विक्टोरिया प्रायतचेंको ने जीता था। आधिकारिक भाषा में इस प्रतियोगिताक नाम इंटरनेशनल साइन लैंग्वेज हैं। 

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