सुशांत मामले में बीजेपी की नेशनल यूनिट ने भी बुलंद की आवाज

सुशांत मामले में बीजेपी की नेशनल यूनिट ने भी बुलंद की आवाज

IANS News
Update: 2020-08-03 12:00 GMT
सुशांत मामले में बीजेपी की नेशनल यूनिट ने भी बुलंद की आवाज

नई दिल्ली, 3 अगस्त(आईएएनएस)। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में बिहार और महाराष्ट्र ही नहीं देश की राजधानी में भी खासी हलचल है। भाजपा के तीन राष्ट्रीय नेताओं ने इस मुद्दे पर आवाज उठाई है। बीजेपी के तीन राष्ट्रीय महासचिवों के बयानों से साफ पता चलता है कि वे महाराष्ट्र पुलिस की जांच के तौर-तरीकों से संतुष्ट नहीं हैं। भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष ने महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार पर इस मामले में निशाना साधा है।

भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष ने सोमवार को एक बयान में कहा, पहली बात तो उन्होंने (मुंबई पुलिस) बिहार पुलिस को सहयोग नहीं किया। फिर अचानक वे एक महत्वपूर्ण फाइल डिलीट कर देते हैं। फिर जांच के लिए आए बिहार के पुलिस अफसर को जबरन क्वारंटाइन कर देते हैं। स्पष्ट है कि उद्धव ठाकरे और मुंबई पुलिस कुछ ढकने की कोशिश कर रहे हैं।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव पी मुरलीधर राव ने तीन दिनों तक लगातार सुशांत सिंह राजपूत मसले पर आवाज बुलंद की। उन्होंने बॉलीवुड की भूमिका पर भी सवाल उठाया। पी मुरलीधर राव ने एक अगस्त को मुंबई पुलिस के एक वीडियो पर नाराजगी जताई थी, जिसमें मुंबई पुलिस के लोग बिहार पुलिसकर्मियों को धक्का देकर वैन में भेजते हैं। पी मुरलीधर राव ने कहा था, क्या यह न्याय का पीछा करना है?

वहीं इससे एक दिन पहले यानी 31 जुलाई को बीजेपी के नेशनल सेक्रेटरी पी मुरलीधर राव ने कहा, अब पूरे देश के लोग बहुत ही प्रतिभाशाली अभिनेता सुशांत की मुंबई में आत्महत्या के पीछे की सच्चाई जानने के लिए उत्सुक हैं। यहां कई एंगल हैं, जिन्हें कभी भी खोए बिना गंभीर और पेशेवर जांच की आवश्यकता होती है। सत्यमेव जयते। वहीं 30 जुलाई को उन्होंने ट्वीट कर कहा, बॉलीवुड कभी दाउद इब्राहिम के कब्जे में था, अब भाई-भतीजावाद के। आरोप गंभीर हैं और पूरे देश का ध्यान इस तरफ जाने की आवश्यकता है।

बीजेपी के एक और राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव भी इस मसले पर आवाज उठा चुके हैं। उन्होंने बीते 31 जुलाई को कहा कि सुशांत के परिवार को न्याय दिलाने में सब साथ-साथ हैं। भूपेंद्र यादव ने कहा, बिहार से निकलकर सिनेमा की दुनिया में पहचान अर्जित करने वाले सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद समाज में एक स्फूर्त बहस शुरू हुई है। नेपोटिज्म की बुराइयों से लेकर कई और सवाल समाज के बीच से उठ रहे हैं। सुशांत के परिवार को न्याय दिलाने में सब साथ हैं।

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