14 Km पैदल चलकर स‍िद्धि‍व‍िनायक पहुंचीं स्मृति, एकता कपूर ने बताई वजह

14 Km पैदल चलकर स‍िद्धि‍व‍िनायक पहुंचीं स्मृति, एकता कपूर ने बताई वजह

Bhaskar Hindi
Update: 2019-05-28 10:06 GMT
14 Km पैदल चलकर स‍िद्धि‍व‍िनायक पहुंचीं स्मृति, एकता कपूर ने बताई वजह

डिजिटल डेस्क, मुम्बई। लोकसभा चुनाव 2019 में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की जीत, इस चुनाव की सबसे बड़ी जीत साबित हुई। उन्होंने अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को हराकर जीत का नया इतिहास रच दिया। हाल ही में स्मृति की इस जीत को लेकर एक नई बात सामने आई है। स्मृति ईरानी की दोस्त और टीवी प्रोड्यूसर एकता कपूर ने खुद इस बात को अपने इंस्टा अकाउंट पर शेयर किया है। 

दरअसल, लोकसभा चुनाव में अमेठी को जीतने के बाद स्मृत‍ि ईरानी 14 किमी नंगे पांव चलकर स‍िद्धि‍विनायक मंद‍िर पहुंचीं थी। एकता कपूर ने एक तस्वीर शेयर कर इस बात की जानकारी दी। एकता ने कैप्शन में लिखा कि "14 किलोमीटर स‍िद्ध‍िविनायक के बाद वाला ग्लो।" एकता ने स्मृत‍ि के साथ कई इंस्टाग्राम वीड‍ियो स्टोरी शेयर की है। एकता ने वीड‍ियो में बताया कि स्मृत‍ि 14 किमी नंगे पांव स‍िद्ध‍िविनायक चलकर दर्शन करने गईं। इस बारे में जब स्मृत‍ि से एकता ने कुछ बोलने को कहा तो वो बोलीं- ईश्वर ने मन्नत पूरी की है।

प्रोड्यूसर डायरेक्टर एकता कपूर ने एक और वीडियो शेयर किया। इस वीडियो में ​स्मृति कार की आगे वाली सीट पर बैठी हैं और एकता पीछे वाली। पीछे बैठकर एकता वीडियो बना रही हैं और स्मृति से बातचीत कर रही हैं। इस दौरान स्मृति ने कहा कि "ये मेरा रव‍ि के साथ पहली बार स‍िद्ध‍िविनायक दर्शन था। वो चार महीने का हो चुका है। मुझे लगता है इस तरह हम पूरी ज‍िंदगी के लिए खास र‍िश्ते में बंध गए हैं। मैं उसकी बहुत खास मासी हूं।"

वीडियो में साफ जाहिर है कि एकता कपूर अपनी एक मन्नत पूरी होने की खुशी में स‍िद्ध‍िविनायक पहुंचीं थी, लेकिन उन्होंने इस बात की जानकारी नहीं दी कि वे किस जीत की खुशी में मंदिर पहुंची थी। कयास लगाए जा रहे हैं कि वे लोकसभा चुनाव की जीत की खुशी में ही मंदिर पहुंची थी। इस वक्त उनके पास इससे बड़ी क्या खुशी हो सकती है? अमेठी जो कांग्रेस का गढ़ था। वे वहां से दूसरी बार चुनावी मैदान में उतरी थी और जीत हासिल की। स्मृति की इस जीत को सभी ने बहुत सराहा। 

चुनावी नतीजे आने के बाद एकता ने स्मृति को बहुत खास अंदाज में बधाई दी थी।  एकता ने स्मृत‍ि ईरानी के टीवी शो "क्योंकि सास भी कभी बहू थी" के टाइटल सॉन्ग को ल‍िखा था कि "रिश्तों के भी रूप बदलते हैं, नए नए सांचे में ढ़लते हैं, एक पीढ़ी आती है एक पीढ़ी जाती है....बनती कहानी नई।"

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