अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए मोदी सरकार का एक और कदम, कैंप लगाकर बांटे जाएंगे लोन

अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए मोदी सरकार का एक और कदम, कैंप लगाकर बांटे जाएंगे लोन

Bhaskar Hindi
Update: 2019-09-19 17:44 GMT
अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए मोदी सरकार का एक और कदम, कैंप लगाकर बांटे जाएंगे लोन
हाईलाइट
  • 3 अक्टूबर से 7 अक्टूबर तक पहले चरण में 200 जिले कवर किए जाएंगे
  • दूसरे चरण में बाकी 200 जिले 11 अक्टूबर के बाद कवर किए जाएंगे
  • सरकारी बैंक अगले महीने से 400 जिलों में लोन मेले आयोजित करेंगे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सरकारी बैंक अगले महीने से 400 जिलों में लोन मेले आयोजित करेंगे। 3 अक्टूबर से 7 अक्टूबर तक पहले चरण में 200 जिले कवर किए जाएंगे। दूसरे चरण में बाकी 200 जिले 11 अक्टूबर के बाद कवर किए जाएंगे। ये मेला एनबीएफसी और रिटेल ग्राहकों के लिए है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को इसका ऐलान किया।

वित्त मंत्री ने बताया कि बैंकों ने कुछ ऐसी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की पहचान की हैं, जिन्हें कर्ज उपलब्ध कराया जा सकता है। ऐसे में कर्ज लेने के इच्छुक लोगों को नकदी और ऋण उपलब्ध कराया जा सकेगा। इसका मकसद मकान खरीदारों और किसानों समेत कर्ज चाहने वालों को ऋण सुलभ कराना है। निर्मला सीतारमण ने ये भी कहा कि 31 मार्च 2020 तक संकटग्रस्त किसी भी एमएसएमई को एनपीए घोषित नहीं किया जाएगा। 

 

 

इससे पहले भी निर्मला सीतारमण इकोनॉमी में सुधार के उपायों के तहत तीन बार अलग-अलग घोषणा कर चुकी है। ये घोषणाएं रियल एस्टेट, एक्सपोर्ट, बैंक, माइक्रो, स्माल और मीडियम इंटरप्राइज और ऑटोमोबाइल सेक्टर को बूस्ट करने के लिए की गई थी।

इस सप्ताह की शुरुआत में, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि सरकार ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए तीन चरणों में कदम उठाए है। उन्होंने संकेत दिया था कि इसके लिए आगे भी और कदम उठाए जाएंगे। गवर्नर ने भरोसा जताया था कि सरकार ने जो कदम उठाए हैं उनसे अर्थवयवस्था में सुधार होगा। उन्होंने कहा था कि पिछले कुछ महीनों में मंदी को देखते हुए आरबीआई ने भी ब्याज दरों में कटौती की है।

आरबीआई गवर्नर ने कहा था, "मुझे लगता है कि उचित कदम उठाए गए हैं, हालात सुधरने चाहिए। यह सकारात्मक है कि सरकार तेजी से प्रतिक्रिया दे रही है। सरकार से ऐसे संकेत नहीं मिले हैं कि अब कोई कदम नहीं उठाया जाएगा। मुझे उम्मीद है कि प्रक्रिया जारी रहेगी।"

वित्त मंत्री ने 23 अगस्त को पहली बार प्रेस कांफ्रेस की थी। इस दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सभी टैक्स असेसमेंट का काम तीन महीने के भीतर पूरा किया जाएगा। स्टार्टअप रजिस्टर्ड कराने के दौरान इनकम टैक्स का सेक्शन 56 2(b) लागू नहीं होगा। इसके साथ ही उन्होंने स्टार्टअप्स के लिए एंजेल टैक्स खत्म कर दिया था। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने बैंकिंग सेक्टर के लिए राहत का एलान करते हुए वित्त मंत्री ने बैंकों के लिए 70,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी।

वित्त मंत्री ने दूसरी प्रेस कांफ्रेस 30 अगस्त को आयोजित की थी। इस पीसी में उन्होंने बड़ा एलान करते हुए देश के 18 बैंकों में से छह सरकारी बैंकों को विलय कर दिया। इनमें पंजाब नेशनल बैंक में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का विलय किया गया। ये दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा, जो पीएनबी से 1.5 गुना बड़ा होगा। वहीं, केनरा बैंक का विलय सिंडिकेट बैंक में किया गया, जो देश का चौथा सबसे बड़ा बैंक होगा।

जबकि इलाहाबाद बैंक का विलय इंडियन बैंक में किया गया था। इसके अलावा यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक का विलय होगा, जो देश का पांचवां सबसे बड़ा सरकारी बैंक बनेगा।

वित्त मंत्री शनिवार को बाजार प्रोत्साहन के उपायों की तीसरी किस्त की घोषणा की थी। इसके तहत रीयल एस्टेट तथा निर्यात क्षेत्रों को 70 हजार करोड़ रुपए से अधिक की मदद देने की योजना है। सीतारमण ने कहा था कि निर्माण के आखिरी चरण में पहुंच चुकी साफ सुथरी अवासीय परियोजनाओं को पूरा कराने में वित्तीय मदद के लिए 20 हजार करोड़ रुपए का कोष बनाया जाएगा।

इसमें करीब 10 हजार करोड़ रुपए सरकार मुहैया कराएगी और इतनी ही राशि अन्य स्रोतों से जुटायी जाएगी। इस योजना लाभ उन्हीं परियोजनाओं को मिलेगा जो एनपीए घोषित नहीं हैं और न ही उनको ऋण समाधान के लिए एनसीएलटी के सुपुर्द किया गया है। 

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