बजट के बाद शेयर मार्केट में आई सबसे बड़ी गिरावट, 1200 अंक नीचे खुला बाजार

बजट के बाद शेयर मार्केट में आई सबसे बड़ी गिरावट, 1200 अंक नीचे खुला बाजार

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-06 04:15 GMT
बजट के बाद शेयर मार्केट में आई सबसे बड़ी गिरावट, 1200 अंक नीचे खुला बाजार


डिजिटल डेस्क । मोदी सरकार का अंतिम पूर्ण बजट बाजार को रास नहीं आ रहा है। बजट के एक दिन बाद से ही शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है। सेंसेक्स मंगलवार को 1200 अंक नीचे खुला और 2800 अंक तक गिर चुका है। सोमवार को भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी घरेलू शेयरों को भारी नुकसान हुआ है। सप्ताह के पहले कारोबारी दिन रुपए की शुरुआत भारी गिरावट के साथ हुई। डॉलर के मुकाबले रुपया 14 पैसे गिरकर 64.20 के स्तर पर खुला था। वहीं अमेरिकी शेयर बाजार डाऊ जोंस 1175 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ है। अमेरिकी शेयर बाजार में ये साल 2008 के वित्तीय संकट के बाद एक दिन में आई सबसे अधिक गिरावट है। डाऊ जोंस 4.6 प्रतिशत की गिरावट के साथ सोमवार को 24,345.75 अंकों पर बंद हुआ है।
 

राजकोषीय घाटे का लक्ष्य जीडीपी बढ़ाने से हो रहा असर

आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार के बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राजकोषीय घाटे का लक्ष्य जीडीपी के 3.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 3.5 प्रतिशत किया है। इसका भी असर शेयर बाजार पर पड़ा है। इसी बीच क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने शुक्रवार को कहा है कि सरकार पर कर्ज के भारी दबाव के कारण भारत की रेटिंग में सुधार रुक गया है।
जानकार शेयर बाजार में गिरावट का कारण बजट तो बता ही रहे हैं। साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में दबाव, स्थानीय कारण, फिच की रेटिंग को भी इस गिरावट का कारण बताया जा रहा है। 

पिछले हफ्ते भी रहा बाजार का बुरा हाल 

शुक्रवार को रुपए में कमजोरी देखने को मिली। डॉलर के मुकाबले रुपया 4 पैसे की गिरावट के साथ 64.06 के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं डॉलर के मुकाबले रुपए की शुरुआत भी कमजोरी के साथ ही हुई थी। डॉलर के मुकाबले रुपया 10 पैसे टूटकर 64.12 के स्तर पर खुला था। केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया के मुताबिक, डॉलर के मुकाबले रुपया आज 63.69-64.67 की रेंज में ट्रेड कर सकता है। एफआईआई द्वारा घरेलू शेयर बाजार में बिकवाली से रुपया दो हफ्ते के निचले स्तर पर पहुंच गया है।

जेटली ने आम बजट को ठहराया सही

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली  ने सोमवार को कहा कि बाजार में लगातार जारी गिरावट की वजह आम बजट में शेयरों में कमाई पर दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) कर लगाया जाना नहीं बल्कि वैश्विक कारक हैं। जेटली का बयान ऐसे समय में आया है, जब शेयर बाजार में नवंबर 2016 के बाद से शुक्रवार को सबसे भारी गिरावट दर्ज की गई थी। आम बजट 2018-19 में शेयरों से कमाई पर एलटीसीजी कर दोबारा लगाए जाने के ऐलान के बाद बाजार लुढ़के थे। शुक्रवार के कारोबार में सेंसेक्स में 800 अंकों से अधिक की एकदिनी गिरावट हुई थी जबकि निफ्टी सूचकांक में 200 से अधिक गिरावट दर्ज की गई थी।

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