चार सप्ताह के न्यूनतम स्तर पर पहुंची बिट क्वाइन की कीमतें

चार सप्ताह के न्यूनतम स्तर पर पहुंची बिट क्वाइन की कीमतें

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-15 08:03 GMT
चार सप्ताह के न्यूनतम स्तर पर पहुंची बिट क्वाइन की कीमतें

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शंघाई स्थित बिटक्वाइन एक्सचेंज (बीटीसीसी) द्वारा 30 सितंबर से घरेलू ट्रेडिंग आपरेशन बंद किए जाने की खबरों के बीच आज बिट क्वाइन यूएस डालर एक्सचेंज (बीटीसी/यूएसडी) रेट पिछले चार सप्ताह के न्यूनतम 3413 डालर के स्तर पर जा पहुंचा। इसके बाद से शुरू हुआ बियरिश रूख अब तक कायम है। विशेषज्ञों का मानना है कि गिरावट का यह क्रम आगे भी जारी रह सकता है।

हाल की एक घोषणा के बाद इस अफवाह को बल मिला है कि एक्सचेंज के संचालक बिटक्वाइन के घरेलू स्तर पर किए जा रहे लेन-देन को प्रतिबंधित करने की तैयारी कर रहे हैं। इसके बाद बाजार में हड़कंप मच गया। क्वाइन मार्केट कैप के डाटा के अनुसार बिट क्वाइन की कीमत में बीते चौबीस घंटों में 11 फीसदी की गिरावट आई है। बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि आश्चर्य की बात नहीं होगी अगर गिरावट का यह क्रम 3000 डालर तक उतर जाए। विशेषज्ञों ने कहा कि बाजार की गति को समझने के लिए टेक्निकल चार्ट्स पर हो रहे डेवलपमेंट पर नजर रखनी होगी। तभी स्थिति साफ हो पाएगी।        
 
क्या है बिट क्वाइन

डिजिटल युग में बिट क्वाइन यानी वर्चुअल मुद्रा या आभासी मुद्रा का प्रचलन शुरू हो गया है। यह एक विकेंद्रीकृत और साथियों के बीच की डिजिटल मुद्रा और भुगतान का नेटवर्क है, जो पूरी तरह इस विश्वास पर कायम है कि बिट क्वाइन की एक कीमत है। पारंपरिक मुद्राओं के उलट, यह किसी देश या बैंक से नहीं जुड़ा होता है, न ही इसका कोई रिजर्व होता है। बिट क्वाइन पूरी तरह आपसी प्रतिष्ठा पर आधारित है और इसका व्यापार वेबसाइट पर होता है। यह मुद्रास्फीति के ऊपर और नीचे होने से भी मुक्त है। ब्याज दर और बाजार के उतार-चढ़ाव का भी इस पर असर नहीं होता है, बल्कि इसकी कीमत वितरण में आयी बिट क्वाइन की संख्या से ही तय होती है। 

कैसे करता है काम

इसमें पहले एक एकाउंट बनाया जाता है, फिर एकाउंट में फंड का ट्रांसफर किया जाता है, ताकि बिट क्वाइन खरीदे जा सकें। इसका लेन-देन में कोई भुगतान नहीं किया जाता। इसमें किसी दूसरे मध्यस्थ या तीसरे भरोसेमंद पार्टी की जरूरत भी नहीं होती है। भुगतान करने के बाद वापस नहीं लिया जा सकता। बिट क्वाइन का गणितीय सिद्धांत तय करता है कि मुद्रा का वितरण एक निश्चित दर पर ही बढ़े। इसमें पहचान गुप्त रखी जाती है, पर सावधानी बरतनी पड़ती है। शायद यही वजह है कि यह कंप्यूटर निरक्षरों, अराजकतावादियों, ड्रग्स बेचनेवाले और सोने के तस्करों तक में एक जैसा ही लोकप्रिय है।

इसकी शुरुआत वर्ष 2008 में हुई। उस समय दुनिया में आर्थिक संकट अपने चरम पर था। माना जाता है कि बिट क्वाइन की शुरुआत सतोशी नाकामोटो नामक एक छद्म लेखक के एक शोधपत्र से हुई थी। 2012 में यह चर्चा में आया और इसके बाद से लगातार सुर्खियों में है।

 

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