'बच्चों' से पूछकर बनता है यहां का बजट, ट्रांसपेरेंसी के मामले में भारत से काफी आगे हैं ये देश

'बच्चों' से पूछकर बनता है यहां का बजट, ट्रांसपेरेंसी के मामले में भारत से काफी आगे हैं ये देश

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-30 09:58 GMT
'बच्चों' से पूछकर बनता है यहां का बजट, ट्रांसपेरेंसी के मामले में भारत से काफी आगे हैं ये देश

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी दो भारत का जनरल बजट पेश करने वाले हैं। बजट से आम जनता को बहुत उम्मीद रहती है, क्योंकि इसका सीधा-सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ता है। भारत में बजट को लेकर न्यूज चैनल्स और मीडिया हाउसेस लोगों से राय लेते हैं, लेकिन बजट में और लोगों की राय में कितनी समानता होती है? ये तो बजट पेश होने के बाद ही पता चलता है। दुनिया में साउथ अफ्रीका एक ऐसा देश है, जहां बजट तैयार करने से पहले सरकार खुद सड़क पर उतरती है और लोगों से राय लेती है। यहां तक साउथ अफ्रीका में छोटे-छोटे बच्चों से भी बजट को लेकर राय मांगी जाती है और उसके बाद बजट तैयार किया जाता है। आज हम आपको कुछ ऐसे ही 10 देशों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां बजट लोगों से पूछकर तैयार होता है।

भारत के बजट सिस्टम में नहीं हुआ सुधार

इंटरनेशनल बजट पार्टनरशिप की तरफ से किए गए एक सर्वे के मुताबिक, 100 में से 77 देश बजट ट्रांसपेरेंसी को नहीं अपनाते हैं। सर्वे का ये भी कहना है कि भारत के बजट सिस्टम में कोई सुधार नहीं हुआ है। बजट ट्रांसपेरेंसी का मतलब है कि बजट से जुड़ी सारी जानकारियां आम जनता के सामने पेश की जाए। इसके साथ ही बजट बनाने की प्रोसिजर में भी आम जनता की भागीदारी हो, ये बजट ट्रांसपेरेंसी है। ओपन बजट इंडेक्स के मुताबिक, भारत की रैंक 53 है और उसका स्कोर भी पिछले दो सालों में 68 से घटकर 46 हो गया है। हालांकि, 2017 की रिपोर्ट आना अभी बाकी है और उसमें भारत की रैंक सुधरने के आसार हैं। 

1. न्यूजीलैंड : 

बजट में ट्रांसपेरेंसी के मामले में न्यूजीलैंड पहले नंबर पर है। इस देश में बजट तैयार करने के लिए जनता की राय ली जाती है और जनता को शामिल किया जाता है। इस देश को पिछले कुछ सालों में ओपन बजट सर्वे में कई रैंकिंग का फायदा हुआ है और पिछली बार भी इस देश की रैंक पहली थी।

2. स्वीडन : 

ओपन बजट इंडेक्स 2015 के मुताबिक, बजट ट्रांसपेरेंसी में स्वीडन की रैंक दूसरी है। इस देश में बजट पेश करने से पहले सरकार पब्लिक नोटिस लगाकर लोगों से सुझाव मांगती है। इन सुझावों के आधार पर सरकार अपना बजट तैयार करती है। इसके साथ ही सरकार आम जनता के सामने अपने खर्च और खजाने का ब्यौरा भी देती है।

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3. साउथ अफ्रीका : 

बजट ट्रांसपेरेंसी के मामले में साउथ अफ्रीका तीसरे नंबर पर है। साउथ अफ्रीका दुनिया के उन 6 देशों में शामिल है, जहां बजट की सारी जानकारी सांसदों और जनता को अवेलेबल कराई जाती है। इस देश में सरकार बजट से पहले अपनी इकोनॉमिक पॉलिसी के बारे में जनता तक सारी जानकारियां भेजती है और इन पर शहर-गांव तक पर चर्चा की जाती है और लोगों से राय ली जाती है। यहां तक कि इस देश में छोटे-छोटे बच्चों से भी बजट पर चर्चा की जाती है।

4. अमेरिका : 

अमेरिका का स्कोर जर्मनी, इटली, पुर्तगाल और स्पेन के मामले में भले ही आगे है, लेकिन वेस्टर्न यूरोपियन कंट्रीज़ से कम है। अमेरिका अपने बजट से पहले कोई प्री-बजट डॉक्यूमेंट जारी नहीं करता है। हालांकि, वहां पर बजट का एक जनरल इंट्रोडक्शन पब्लिक के सामने रखा जाता है, जिसमें बजट को लेकर सरकार की पॉलिसीज़ के बारे में जानकारी होती है। इसके साथ ही इसमें सरकार अपने पिछले खर्चों के बारे में भी जानकारी देती है।

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5. ब्रिटेन : 

ओपन बजट इंडेक्स की लिस्ट में ब्रिटेन 8वें नंबर पर है। ब्रिटेन के बारे में कहा जाता है कि यहां की सरकार बजट ईयर के दौरान अपने बजट और इकोनॉमिक एक्टिविटीज़ की सारी जानकारी जनता को अवेलेबल करवाती है। 

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