एयरइंडिया में 49% और सिंगल ब्रांड रीटेल में ऑटोमैटिक रूट से 100% FDI को मिली मंजूरी

एयरइंडिया में 49% और सिंगल ब्रांड रीटेल में ऑटोमैटिक रूट से 100% FDI को मिली मंजूरी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-10 11:45 GMT
एयरइंडिया में 49% और सिंगल ब्रांड रीटेल में ऑटोमैटिक रूट से 100% FDI को मिली मंजूरी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को फॉरन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (एफडीआई) के नियमों में बदलावों के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके तहत अब सिंगल ब्रांड रीटेल (एकल ब्रांड खुदरा कारोबार) में 100% FDI को ऑटोमेटिक मंजूरी मिल जाएगी। हालांकि पहले भी सिंगल ब्रांड रीटेल में 100% FDI मंजूर था लेकिन 49 फीसदी से ज्यादा एफडीआई के लिए सरकार से मंजूरी लेनी पड़ती थी। अब विदेशी कंपनियों को इसके लिए सरकार की मंजूरी नहीं लेनी होगी।

इसके साथ ही कंस्ट्रक्शन सेक्टर में भी 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी मिल गई है। अब विदेशी कंपनियां भारत में कंस्ट्रक्शन का काम निर्बाध रूप से कर सकेंगी। कैबिनेट ने एयर इंडिया में विदेशी एयरलाइंस को 49 प्रतिशत तक हिस्सेदारी खरीदने के प्रावधान वाले प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। माना जा रहा है कि इससे एयर इंडिया में विनिवेश करने में आसानी होगी। हालांकि इसके लिए विदेशी विमानन कंपनी को मंजूरी लेनी होगी। फिलहाल मल्टी ब्रैंड रीटेल के बारे में कुछ नहीं कहा गया है क्योंकि उसका कई राजनीतिक पार्टियों और व्यापार संगठनों द्वारा विरोध किया जा चुका है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ये निर्णय लिए गए हैं।

FDI से जुड़े केन्द्रीय कैबिनेट के इस ताजा फैसले का मकसद देश में विदेशी निवेशकों के अनुकूल वातावरण बनाना है ताकि आर्थिक विकास को बढ़ावा मिले। सरकार के इस फैसले से भारतीय बाजार में कॉम्पिटिशन तो बढ़ेगा ही साथ ही  नौकरियों का भी सृजन हो सकेगा।

कैबिनेट द्वारा सिंगल ब्रांड रीटेल (एकल ब्रांड खुदरा कारोबार) में 100% FDI को ऑटोमेटिक मंजूरी देने के बाद ऑल इंडिया ट्रेडर्स कंफेडेरशन (महासंघ) (CAIT) ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। CAIT का कहना है कि ऐसा करके बीजेपी ने अपना चुनावी वादा तोड़ा है क्योंकि इससे बाहर की बड़ी कंपनियां भारत की मार्केट पर कब्जा कर लेंगी।

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