5000 करोड़ का फ्रॉड: क्या नाइजीरिया में हैं नितिन संदेसरा? CBI ने इंटरपोल से मांगी जानकारी

5000 करोड़ का फ्रॉड: क्या नाइजीरिया में हैं नितिन संदेसरा? CBI ने इंटरपोल से मांगी जानकारी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-25 13:41 GMT
5000 करोड़ का फ्रॉड: क्या नाइजीरिया में हैं नितिन संदेसरा? CBI ने इंटरपोल से मांगी जानकारी
हाईलाइट
  • नाइजीरिया इंटरपोल से इस बात की पुष्टि करने के लिए कहा है कि क्या नितिन संदेसरा उनके देश में हैं।
  • नितिन और उनके भाई चेतन जयंतीलाल संदेसरा 5300 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग मामले के मुख्य आरोपी है।
  • सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने मंगलवार को नाइजीरिया के इंटरपोल विंग से संपर्क साधा है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने मंगलवार को नाइजीरिया के इंटरपोल विंग से संपर्क साधा है। उन्होंने नाइजीरिया इंटरपोल से इस बात की पुष्टि करने के लिए कहा है कि क्या स्टर्लिंग बायोटेक के मालिक नितिन संदेसरा उनके देश में हैं। नितिन संदेसरा के बारे में पहले ऐसी खबर थी कि वह दुबई में हैं, हालांकि बाद में यह जानकारी गलत निकली। अब खबर आ रही है कि वह नाइजीरिया भाग गए हैं। बता दें कि नितिन और उनके भाई चेतन जयंतीलाल संदेसरा 5300 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग मामले के मुख्य आरोपी हैं।

CBI और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक नितिन संदेसरा, भाई चेतन संदेसरा, भाभी दीप्तिबेन संदेसरा और परिवार के अन्य सदस्य नाइजीरिया में है। नाइजीरिया के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि नहीं है, लिहाजा उसे भारत वापस लाना मुश्किल होगा। हालांकि अभी यह नहीं पता चल पाया है कि संदेसरा परिवार भारतीय पासपोर्ट के साथ नाइजीरिया घूम रहा है या फिर किसी और देश के पासपोर्ट के साथ। वहीं नितिन और चेतन संदेसरा के खिलाफ ED रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की तैयारी कर रहा है।

गुजरात के स्टर्लिंग बायोटेक के मालिक नितिन संदेसरा पर पांच हजार करोड़ रुपये के बैंक घोटाले का आरोप है। जांच एजेंसियों के मुताबिक संदेसरा बंधुओं ने कई बेनामी और शेल कंपनियां स्थापित की थी। जिनके फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंकों के कंसोर्टियम से 5383 करोड़ रुपये का लोन हासिल किया और फिर फर्जी खरीद-बिक्री दिखाकर उस धनराशि को देश-विदेश स्थित अपनी कंपनियों को ट्रांसफर कर दिया। आंध्रा बैंक की अगुआई में स्टेट बैंक, यूको बैंक, इलाहाबाद बैंक और बैंक ऑफ इंडिया द्वारा दिया गया यह लोन बाद में एनपीए घोषित कर दिया गया।  

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