जेट एयरवेज का वित्तीय संकट गहराया, लीज डिफॉल्ट के बाद 19 फ्लाइट रद्द

जेट एयरवेज का वित्तीय संकट गहराया, लीज डिफॉल्ट के बाद 19 फ्लाइट रद्द

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-29 15:39 GMT
जेट एयरवेज का वित्तीय संकट गहराया, लीज डिफॉल्ट के बाद 19 फ्लाइट रद्द
हाईलाइट
  • इस कारण करीब 19 डोमेस्टिक फ्लाइट प्रभावित हुई है।
  • जेट एयरवेज का वित्तीय संकट बढ़ता जा रहा है।
  • लीज रेंट न दिए जाने के कारण जेट को अपने तीन बोइंग 737 विमानों की उड़ानों को रोकना पड़ा है।

डिजिटल डेस्क, मुंबई। जेट एयरवेज का वित्तीय संकट गहराता जा रहा है। अब तो हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि लीज रेंट न दिए जाने के कारण जेट को अपने बोइंग 737 विमानों में से तीन की उड़ानों को रोकना पड़ा है। इस कारण करीब 19 डोमेस्टिक फ्लाइट प्रभावित हुई है। इससे एक दिन पहले भी तीन विमानों के ऑपरेशन पर रोक लगाई गई थी। हालांकि अब तक इस मामले को लेकर एयरलाइन की तरफ से किसी तरह की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि अमेरिका की कंपनी "जीईसीएएस ने विमानन नियामक डीजीसीए को एक पत्र लिखकर इन विमानों की उड़ान रोकने को कहा है क्योंकि जेट एयरवेज ने पांच महीनों से उसका लीज रेंट नहीं दिया है।

जेट एयरवेज ने दिल्ली, चेन्नई, मुंबई, पुणे, हैदराबाद, पोर्ट ब्लेयर और बेंगलुरू को जाने और आने वाली कम से कम 19 उड़ाने रद्द की हैं। रिपोर्ट के मुताबिक जेट एयरवेज के ये प्लेन दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू और चेन्नई एयरपोर्ट्स पर खड़े हैं। किंगफिशर के डिफॉल्ट के बाद यह पहला मामला है जब विमान को लीज रेंट पर देने वाली किसी कंपनी ने किसी अधिसूचित विमानन कंपनी को अपने विमानों की उड़ान रोकने को कहा है। इससे पहले भी जेट एयरवेज की फ्लाइट्स को कैंसिल करना पड़ा था। उस समय कंपनी की तरफ से कहा गया था कि पायलटों की तबीयत खराब होने के चलते ऐसा हुआ है। हालांकि मीडिया में खबरें आने के बाद पता चला कि पायलटों को सैलरी नहीं मिल रही थी, जिसकी वजह से उन्होंने उड़ान भरने से इनकार कर दिया था। 

बता दें कि नकदी के संकट की वजह से पिछले 31 दिसंबर को जेट एयरवेज बैंकों के कर्ज की किस्त अदा करने में विफल रही थी। जेट एयरवेज पर अब तक कर्ज का बोझ बढ़कर 10,900 करोड़ रुपए हो गया है। जेट अब कर्ज के बोझ को कम करने के लिए इसे इक्विटी में तब्दील करने की योजना पर काम कर रही है। जेट ने 21 फरवरी को शेयरधारकों की ईजीएम बुलाई है। इजीएम में कंपनी बोर्ड के सामने शेयर जारी कर कर्जदारों को हिस्सेदारी देने का प्रस्ताव रखेगी। माना जा रहा है कि अगर प्रस्ताव को बोर्ड की मंजूरी मिलती है तो रिस्ट्रक्चरिंग के बाद उसके कर्जदाताओं को 30% शेयर मिलेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एसबीआई ने जेट को जो कर्ज दे रखा है उसके बदले वह स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) जेट एयरवेज में 15% शेयर ले सकती है। 

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