बिटकॉइन में निवेश करने से पहले पढ़ें पूरी रिपोर्ट

बिटकॉइन में निवेश करने से पहले पढ़ें पूरी रिपोर्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-08 05:51 GMT
बिटकॉइन में निवेश करने से पहले पढ़ें पूरी रिपोर्ट

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रिजर्व बैंक भले ही भारत में वर्चुअल करेंसी "बिटक्वॉइन" को लेकर इन्वेस्टर्स को चेता रहा हो, लेकिन इसके बावजूद इसकी कीमत बढ़ती जा रही है। गुरुवार को इस करेंसी की कीमत 14 हजार डॉलर तक पहुंच गई, जिससे इन्वेस्टर्स ने इसकी एक यूनिट से ही लाखों की कमाई कर ली। दरअसल, गुरूवार को क्रिप्टो करेंसी बिटक्वॉइन की कीमत भारत में पहली बार केवल 24 घंटों के अंदर अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। बिटक्वॉइन प्राइस इंडेक्स के मुताबिक इसकी एक यूनिट की कीमत गुरुवार को 14 हजार डॉलर (9.10 लाख रुपए) के स्तर पर पहुंची। इसका मतलब है कि भारतीयों को एक बिटक्वॉइन खरीदने के 9.10  लाख रुपए खर्च करने होंगे। इस तरह कह सकते हैं कि महज एक दिन में ही निवेशकों ने इस डिजिटल करंसी से करीब 1,29,084 रुपए की कमाई कर ली। इस साल की शुरुआत से ही बिटक्वॉइन की कीमत में लगातार इजाफा हो रहा है। गौरतलब है कि बुधवार को ही भारतीय रिजर्व बैंक ने आगाह करते हुए कहा था कि इसमें लेन-देन या निवेश करने का जोखिम निवेशकों को खुद उठाना होगा। वहीं हाल में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी बिटक्वाइन पर भरोसा ना जताते हुए कहा था कि बिटक्वाइन को मान्यता देने का कोई विचार नहीं है। 

 

                                 

 

माना जा रहा है कि दुनिया में अब तक किसी भी मुद्रा या चीज में निवेश इतनी तेजी से नहीं बढ़ा, जितना इस वर्अचुल करेंसी बिटक्वॉइन में बढ़ा है। ऐसे में, जब भारत समेत पूरी दुनिया में बिटक्वॉइन को लेकर सनसनी मची है, सवाल है कि कहीं बिटक्वॉइन में निवेश करने वाले लोग किसी धोखाधड़ी या फर्जीवाड़े में तो नहीं फंस जाएंगे। जहां तक भारत की बात है, तो अभी हमारे देश इस करेंसी को कोई कानूनी मान्यता हासिल नहीं है फिर भी लोग इसमें निवेश कर रहे हैं। माना जा रहा है कि हर महीने 200-250 करोड़ रुपये का कारोबार देश में इसके जरिए हो रहा है। भारत सरकार के इस करंसी पर अविश्वास के बावजूद भारतीय इसमें निवेश कर रहे हैं। 

सरकार भी है इसे लेकर कंन्फ्यूज

कुछ समय पहले ऐसी खबरें आई थीं कि बिटक्वॉइन को लेकर देश में एक फ्रेमवर्क तैयार किया जा सकता है। तब सरकार ने बिटक्वॉइन की ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को समझने के लिए आईटी कंपनियों के साथ बैठक भी की है। बिटक्वॉइन की खरीद-फरोख्त की सुरक्षा के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है। सरकार के साथ बैठक करने वाली कंपनियों का ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में भारी निवेश है। इससे लगा था कि बिटक्वॉइन जैसी वचरुअल करंसी को कानूनी दर्जा मिल सकता है। ये भी कहा गया था कि भारतीय रिजर्व बैंक वर्अचुअल करंसी में निवेश और लेनदेन पर विस्तृत गाइडलाइन तैयार करेगा, लेकिन फिलहाल ये मामला टल गया है। माना जा रहा है कि इसके पीछे ये सोच काम कर रही है कि कहीं बिटक्वॉइन महज एक हवाई किला साबित न हो क्योंकि अभी दुनिया के किसी देश में इसे एक परिपक्व मुद्रा के तौर पर स्वीकार नहीं किया है। ऐसे में इसका सारा कारोबार एक समांनातर मुद्रा के रूप में ही चल रहा है। बिटक्वॉइन पर भले ही सरकार अभी अपना रुख साफ न कर पाई हो, लेकिन कंप्यूटर पर बनाए जाने के आधार पर क्रिप्टोकरेंसी कहलाने वाली इस मुद्रा का कारोबार काफी तेजी से बढ़ रहा है। इसकी अहम वजह सरकारों व सरकारी बैंकों के कायदे-कानून और नियंत्रण से इसका बाहर होना है। असल में बिटक्वॉइन एक ऑनलाइन वचरुअल करेंसी है। इस पर कोई सरकारी नियंत्रण नहीं है। इसे किसी भी सरकारी बैंक ने जारी नहीं किया है।

 

                              

 

आखिर क्या है ये करेंसी?

ये किसी एक देश की मुद्रा नहीं है, इसलिए इस पर कोई टैक्स भी नहीं लगता है। यही नहीं, कंप्यूटर के जरिए कोड में इसका लेनदेन होता है, इसलिए यह एक गुप्त करेंसी की तरह काम करती है। पहले जटिल गणितीय पहेली हल करने पर ही इसकी माइनिंग (खुदाई) होती है जो इसे हासिल करने की एक कठिन प्रक्रिया थी, लेकिन अब कई वॉलेट कंपनियां अपने एप के जरिए इसकी खरीद-फरोख्त कराती हैं और इसके बदले कमीशन लेती हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2009 में डिजिटल यानी वर्चुअल करेंसी के रूप में पहली बार बिटक्वॉइन अस्तित्व में आए थे। दावा किया गया था कि इसे सातोशी नाकामोतो नामक व्यक्ति ने बनाया है। हालांकि सातोशी एक छद्म नाम था क्योंकि 2015 में एक ऑस्ट्रेलियाई व्यवसायी क्रेग राइट ने दावा किया कि वे ही असल में बिटक्वॉइन के आविष्कारक हैं।

 

भारत में ऐसे हो रहा निवेश 

घरेलू शेयर बाजार में कई ऐसी कंपनियों के शेयर है। जिन्होंने निवेशकों को मालामाल कर दिया है। इन शेयरों में एचईजी, एसओआरआईएल होल्डिंग्स, कैलिफोर्निया सॉफ्टवेयर, गोवा कार्बन है। पिछले 5 महीने में जहां बिटक्वॉइन ने 366 फीसदी का रिटर्न दिया है। वहीं, इन शेयरों ने 735 फीसदी तक का मुनाफा कराया है। वीएम पोर्टफोलियो के हेड विवेक मित्तल का कहना है कि वर्चुअल करेंसी बिटक्वॉइन पर सरकार ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। वहीं, घरेलू शेयर बाजार लगातार नई ऊंचाइयां छू रहा है। ऐसे में निवेशकों के पास शेयर बाजार में अच्छा मुनाफा पाने का मौका है। 
ट्रेडबुल्स के डायरेक्टर और सीओओ ध्रुव देसाई के मुताबिक, नए निवेशक बाजार में शुरुआत करने के लिए कुछ छोटी पूंजी से शुरुआत कर सकते हैं। बाजार में लगातार तेजी देखने को मिल रही है। लिहाजा निवेश करने में देर नहीं हुई है। अच्छे शेयरों में लंबी अवधि का निवेश हमेशा फायदेमंद रहता है। शेयर बाजार में एक साल बाद कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता है तो इक्विटी में निवेश अच्छा विकल्प है। हालांकि, सिर्फ टैक्स से बचने के लिए निवेश नहीं करना चाहिए और इसे एक अच्छे निवेश साधन के रूप में देखना चाहिए।

 

                                   

 

लंबी वक्त के लिए लगाएं दांव

शेयर बाजार के एक्सपर्ट्स बताते है कि शेयर बाजार में आप जितने कम समय के नजरिए से पैसे लगाते हैं, आपका जोखिम उतना ही अधिक होता है। अगर आप किसी शेयर में कुछ घंटों या कुछ दिनों के लिए पैसे लगा रहे हैं, तो यह जुए की तरह है, यानी शेयर बाजार में जोखिम कम करने का सबसे पहला तरीका यह है कि आप लंबी अवधि के लिए निवेश करें। यहां लंबी अवधि कहने से मतलब है कम से कम तीन साल। इससे अधिक आप कितने साल तक बने रहते हैं, यह आपकी इच्छा पर निर्भर है। 

क्यों है करेंसी को लेकर रिस्क

बहरहाल हवाला, हैकिंग और काले धन को सफेद धन में बदलने में हो रहे इसके इस्तेमाल के कारण चिंता ये है कि कहीं सरकारें इसके लेनदेन पर पाबंदी न लगा दें, जिससे इसकी कीमत आसमान से गिरकर जमीन पर पहुंच सकती हैं। भले ही आज बिटक्वॉइन ने अपनी कीमतों को लेकर दुनिया में सनसनी मचा रखी है, लेकिन इससे जुड़े कारोबार में सरकारी नियम-कायदों का अभाव इसे लेकर सतर्कता की मांग करता है। दुनिया भर में बिजनेस करने वाले व्यापारियों को बिटक्वॉइन में लेनदेन करना आसान लग रहा हो, लेकिन ये मुमकिन है कि किसी दिन इसमें भारी गिरावट आ जाए और इसके निवेशक हाथ मलते रह जाएं। 

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