मांग में सुस्ती वाले सेक्टरों के प्रतिनिधियों से मिलेंगी वित्तमंत्री

मांग में सुस्ती वाले सेक्टरों के प्रतिनिधियों से मिलेंगी वित्तमंत्री

IANS News
Update: 2019-08-05 17:00 GMT
मांग में सुस्ती वाले सेक्टरों के प्रतिनिधियों से मिलेंगी वित्तमंत्री
हाईलाइट
  • केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि मांग और उपभोग में नरमी की समस्या से जूझ रहे सेक्टरों के प्रतिनिधियों से सरकार मिलेगी और इससे निपटने के लिए नीति तैयार करने में उनके सुझावों को शामिल करेगी
  • देश की अर्थव्यवस्था के प्रमुख सेक्टरों में व्याप्त सुस्ती से निपटने के लिए सरकार ने कमर कस ली है
नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)। देश की अर्थव्यवस्था के प्रमुख सेक्टरों में व्याप्त सुस्ती से निपटने के लिए सरकार ने कमर कस ली है। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि मांग और उपभोग में नरमी की समस्या से जूझ रहे सेक्टरों के प्रतिनिधियों से सरकार मिलेगी और इससे निपटने के लिए नीति तैयार करने में उनके सुझावों को शामिल करेगी।

वित्त सचिव राजीव कुमार ने कहा कि सरकार विभिन्न क्षेत्रों की समस्याओं के कारणों को जानने के लिए उन क्षेत्रों के हितधारकों के साथ सिलसिलेवार बैठकें करेगी।

इसी क्रम में मंगलवार को एमएसएमई के प्रतिनिधियों से मंत्री की मुलाकात होगी। इसके बाद बुधवार को ऑटो सेक्टर के प्रतिनिधि मिलेंगे और गुरुवार को उद्योग के लोगों के साथ मंत्री की मुलाकात होगी।

सीतारमण शुक्रवार को वित्तीय क्षेत्र के प्रतिनिधियों और रविवार को रियल्टी सेक्टर के प्रतिनिधियों और घर खरीदने वालों से मिलेंगी।

इसी मकसद से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और पूरे बैंकिंग क्षेत्र इकी समीक्षा की जाएगी।

वित्तमंत्री सोमवार को बैंकों के प्रमुखों से मुलाकात करेंगी और बैठक के दौरान विकास को संवर्धन देने के मकसद बैंकिग सेक्टर की साख वृद्धि को तवज्जो दिया जाएगा। कुमार ने कहा कि बैठक में एनबीएफसी, ऑटो सेक्टर और एमएसएमई के कर्ज की जरूरतों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

बैठक के दौरान (आरबीआई द्वारा) ब्याज दरों में कटौती के फायदे का हस्तांतरण कर्जदारों और उद्योगों को करने के संबंध में विचार-विमर्श किया जाएगा ताकि मांग में तेजी लाई जाए।

बैंकिंग सेक्टर की कुल साख वृद्धि की दर लगातार दोहरे अंक में 12 फीसदी पर बनी हुई है।

विभिन्न क्षेत्रों की सुस्ती के कारण अर्थव्यस्था की रफ्तार सुस्त पड़ गई है। ऑटो पार्ट्स बनाने वाली कंपनियों पर काफी असर पड़ा है, क्योंकि ऑटोमोबाइल कंपनियों ने मांग कमजोर रहने के कारण उत्पादन में कटौती की है, क्योंकि उनके पास इन्वेंटरी काफी बढ़ गई है।

--आईएएनएस

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